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सफलता की कहानी – एक गरीब किसान कर रहा 1.5 एकड़ में ड्रिप विधि से करेले, टमाटर एवं बैंगन की खेती – एक फसल से लगभग 1-1.5 लाख की कमाई

सफलता की कहानी 

 किसान का नाम – श्री राधेलाल पिता स्व. श्री रमेशर साहू है , निवास ग्राम बरछा , तहसील पथरिया जिला मुंगेली छत्तीसगढ़ 

ड्रिप में टमाटर की खेती
ड्रिप में टमाटर की खेती

पारिवारिक जीवन – 3 लड़की , 1 बेटा पति पत्नी कुल 6 सदस्य । अभी सभी बच्चे पढ़ रहे हैं । किसानी कार्य से जीवन यापन करते हैं । इनके पास सिर्फ 2 एकड़ जमीन है जिसमे से आधा एकड़ में धान और 1. 5 एकड़ में ड्रिप विधि से सब्जी भाजी लगाते हैं ।

किसान के बताने के अनुसार यह सिर्फ इस डेढ़ एकड़ खेत में सब्जी लगाकर अपने सभी बच्चों की पढ़ाई लिखाई और दैनिक जीवन की आवश्यकताओ की पूर्ति करते हैं ।

खेत में दोनों पति पत्नी खुद अधिकतर कार्य करते हैं , जरूरत पड़ने पर गाँव के ही मजदूर से कार्य लेते हैं ।

लगभग एक फसल करेला में 50000 से 70000 हजार की दवाई एवं खाद का प्रयोग करते हैं ।

प्रति दिन 15-20 कैरेट करेल 45- 50 दिन तक निकलता है , इनके डेढ़ एकड़ खेत से ।

एक कैरेट में लगभग 15-16 किलो करेला आता है ।

ड्रिप में करेले की खेती
ड्रिप में करेले की खेती

बाजार में लगभग 20-25 रुपए प्रति किलो के दर से रेट मिल रहा है , मतलब प्रति कैरेट  320 रुपये से 350 रुपया मिल रहा है ।

मतलब 5000 से 6000 प्रति दिन का करेला लोकल बाजार में ही बिक जाता है ।

मतलब 45 दिन में 200000 – 250000 तक का करेला आराम से बिक जाता है ।

इसमें से मजदूरी , खाद बीज , ट्रैक्टर आदि सभी खर्चों को निकाल कर शुद्ध मुनाफा 100000 – 120000 तक आराम से बच जाता है ।

साल भर ऐसे ही 3 फसल लेते हैं । जिसमे करेला को ज्यादा प्राथमिकता देते है क्यूकी इसको बंदर नुकसान नहीं करता और इसका रेट भी ज्यादा नहीं गिरता । अन्य फसल में हाइब्रिड बैंगन , टमाटर , गोभी आदि फसल बाजार के हिसाब से लगाते हैं ।

पुरी खेती ड्रिप विधि से mulching तथा सटेकिंग करके ही करते हैं , इसमें लागत कम होता है तथा खाद , किटनाशक डालने में आसानी , खरपतवार कम लगता है , कम पानी की जरूरत पड़ती है ।