चूहा मारने की दवा
धान में चूहे से नुकसान
चूहों का प्रकोप फसलों में बुवाई से लेकर कटाई तक होता है।
चूहे फसलों को जमीन से 1 – 2 इंच छोड़कर काट देता है , मुख्य रूप से जब खेत में पानी कम हो तो इसका प्रकोप बढ़ जाता है।
आम तौर पर चूहे 2-4 मीटर की गोलाई में फसलों को काटता है ।
जब धान में बालियाँ आती है तब चूहे बालियों को काट कर अपने बिल में भरते जाते हैं , अगर इनका बिल को खोदा जाए तो काफी मात्रा में धान मिल जाएगा ।
चूहे के नियंत्रण का ऊपाय
खेत के मेड़ों को खरपतवार रहित रखना चाहिए , क्योंकि जब फसल नहीं होता तब चूहे इन्ही पौधों को खाकर जीवित रहता है ।
धान कटाई के बाद पैरा को खेत में नहीं छोड़ना चाहिए , क्योंकि यह चूहों के रहने का बहुत अच्छा जगह बन जाता है और गिरा हुआ धान उनके लिए खाना ।
चूहों के नियंत्रण के लिए सबसे ज्यादा उपयोग होने वाली दवाई है – Aluminium Phosphide, यह सलफास के नाम से मिलता है। यह हल्के हरे रंग की गोली होती है , जो धुवा (गैस) बनाती है। इस दवाई को चूहे के बिल में डालकर बाहर से कच्चे मिट्टी से बंद कर दिया जाए तो यह दवाई बिल में ससभी जगह फैल कर चूहों को मार देती है।
Zink Phosphide सलफास से भी ज्यादा खतरनाक दवाई है , जो तुरंत काम करता है । इसके अलावा धीरे काम करने वाले दवाईयों में Warfarin , Bromodioline भी चूहों पर प्रभावशाली है ।
चूहा मारने की दवा का उपयोग की विधि
Bromodioline- 1 किलो गेहूं आटे में 20 ग्राम Bromodioline तथा 20 ml कोई भी खाने का तेल मिलाकर उसकी गोलियां तैयार कर लेते हैं और जहां चूहे का प्रकोप है वहाँ उसे रख देते है ।
380 ग्राम कटा फटा हुआ धान या गेहूं में 10 ग्राम Zink Phosphide और 10 ml खाने का कोई भी तेल मिलाकर अच्छी तरह मिक्स कर लेना चाहिए , फिर इसे थोड़ा थोड़ा जहां जहां चूहे का प्रकोप है वहाँ रख देना चाहिए ।
ऊपरोक्त दवाई के साथ तेल इसलिए मिलाना जरूरी है क्योंकि तेल मिला अनाज पानी पड़ने पर भी जल्दी गीला होकर खराब नहीं होता ।
कई बार यह चूहे मारने की दवाई को मुर्रे या धान की लाई में तेल के साथ मिक्स करके खेत में चूहे वाले स्थान पर छिड़का जाता है।
चूहे मारने की दवाई कोई भी मेडिकल स्टोर या बड़ी वाली किराना दुकान में मिल जाती है ।