धान की बाली ब्लास्ट (Pod Blast of Paddy) रोग
लक्षण
धान के फसल में ब्लास्ट रोग का 3-4 प्रकार के लक्षण प्रदर्शित होते हैं। जैसे –
जब धान का पौधा 25-30 दिन का हो तो पत्तियां जली हुई सी किनारे से लाल बीच से सफेद धब्बे दिखती है।
पत्तीयों में अनियमित आकार के धब्बे जैसे छोटे लाल धब्बा , जैसे कोई पान खाकर पौधों में फेंक दिए हो , बाद में यह धब्बे बढ़ जाते हैं।
जब बाली निकलने वाली हो तो अंतिम नोड (गठान) पर अटैक करता है, जिसके कारण निकलने वाली बालियाँ भूरे रंग के और खाली निकलती है, इसमें दूध भी नहीं भरता , जिसके कारण दानें नहीं बनते , इस कारण इसे नोडल ब्लास्ट कहते हैं।
जब बाली निकल जाती है , तब बालियाँ जहां से लागी होती है , नीचे की योर 2 गठानों के बीच में इसका अटैक होता है, जिसके कारण वहाँ पर काला रंग का सड़ा स गठान दिखने लगता है। यहई गठान जब बाली सुख जाती है तब कमजोर होकर बाली की वजन से टूट कर गिर जाता है। इसे लोकल भाषा में किसान – लकवा , धान के गलघोंटू आदि नाम से जानते हैं।
नियंत्रण के लिए दवाई
जो किसान जैविक खेती करते है , उनको बेल पत्ती या तुलसी की पत्ती को मिक्सी में ग्राइन्ड करके, छानकर 25 ग्राम प्रति लीटर पानी के दर से छिड़काव करना चाहिए ।
Azoxystrobin 16.7 % + Tricyclazole 33.3% SC – 200-250 ml प्रति एकड़ (अथवा)
Picoxystrobin 6.78% + Tricyclazole 20.33 % SC – 400-450 ml प्रति एकड़ (अथवा)
Azoxystrobin 18.2 % + Difenoconazole 11.4% SC – 1 ml प्रति लिटर पानी की दर से छिड़काव करें
नोट – ऊपरोक्त 2 फार्मूला मिक्स वाले कोई भी एक फार्मूला वाले फफूंद नाशक दवाई – कोई अच्छी कंपनी का छिड़काव करना चाहिए। इस दवाई के साथ में Chloropyriphos या Ethion दोनों में से कोई एक जो इल्ली / तना छेदक , पत्ती मोड़क/ बंकी आदि के लिए काम करता है, मिला देना भी उचित रहेगा। जिससे ब्लास्ट के साथ कीट भी नियंत्रित हो जाए। दवाई के साथ चिपको जरूर मिलाएं , यह दवाई को पूरे पौधे में फैलाता है।