मुर्गी खाद में पौधों के लिए पोषक तत्वों का भरमार होता है। इसमें अन्य जैविक खाद जैसे गोबर खाद, कंपोस्ट खाद, केचूवा खाद आदि से ज्यादा पोषक गुण होता है।
जैविक खेती के बजाय सामान्य खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए बहुत लाभदायक खाद है। क्योंकि इसके उपयोग से फसल उत्पादन बढ़ती है, मिट्टी का उर्वरक क्षमता में काफी वृद्धि होती है।
चूंकि जैविक खेती में किसी भी प्रकार का रासायनिक खाद, रसायन युक्त कोई भी कीटनाशक दवाई आदि प्रतिबंधित होते हैं ताकि जैविक खेती से प्राप्त फसल एकदम स्वस्थ्य हो, मतलब रसायन मुक्त हो।
चूंकि आज के समय में मुर्गी पालन में रोगों से मुर्गी के बच्चों को बचाने के लिए कई प्रकार का वैक्सीन / इंजेक्शन दिया जाता है। इसके बिना मुर्गी पालन कठिन है। मुर्गियों में कई प्रकार का रोग आता है, और बहुत जल्दी फैलता है। अगर समय में इसका सही इलाज नहीं होगा तो पूरी मुर्गियां मर सकती है।
इस कारण मुर्गी पालक किसान अपने मुर्गियों के बच्चों को टीका लगवाते हैं। मुर्गी खाद मतलब मुर्गी का मल मूत्र इत्यादि। इस कारण मुर्गी खाद (Poultry Manure) जैविक खेती में उपयोग नहीं करते हैं। मुर्गी खाद में भी इन दवाइयों का अपसिस्ट होता ही है, जो फसल में डालने से पौधे उसका खाद के साथ अवशोषण कर लेते हैं।
और जब हम इस फसल को खाते हैं तो पौधे से वह दवाई या रसायन हमारे शरीर में आ जाता है। जो हमारे लिए हानिकारक होते हैं।