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आयस्टर मशरूम- अगर मशरूम खिलना बंद हो जाए तो बैग को फेंके नहीं और खिलेगा।

 

 

आयस्टर मशरूम-   इस मशरूम की खेती किसान वर्ष भर कर सकतें हैं, यह तीनों सीजन के लिए उपयुक्त होतें हैं। इसका बैग भरने के बाद से लगभग 25 -30 दिनों में पहली तुड़ाई हो जाती है। लगभग 3-4 तुड़ाई एक बैग से होता है।

1 बैग से लगभग 3 पाव से 5 पाव तक मशरूम उत्पादन होता है। आमतौर पर किसान भाई 3-4 तुड़ाई अधिकतम 5 तुड़ाई करने के बाद बैग को फेंक देते हैं। फिर नया बैग लटकाते हैं। ताकि समय में अच्छी पैदावार मिल सके। यह व्यावसायिक मशरूम उत्पादकों के लिए सही भी है।

चूंकि मशरूम सूर्य की रोशनी की प्रति बहुत ही संवेदनशील होते हैं। मशरूम के mycelium के ऊपर जब सूर्य की पर्याप्त रोशनी पड़ती है तब इसमें over sprouting होने लगता है, मतलब छोटे – छोटे बहुत सारे मुशरूम बैग के चारों ओर खिल जाता है।

इसलिए जब मशरूम से अंतिम तुड़ाई कर लें तो इसे फेंकने के बजाय उसके पॉलिथीन को पूरा निकालकर कर उसे पानी में डूबा कर 1-2 घंटे रखें या फिर सभी बैग को एक जगह रखकर उसमें पाइप से अच्छी तरह पानी डालें। 2- 3 दिन तक रोज पानी डालने जिससे बैग सूखेगा नहीं। और बैग को धूप में ही रखें। 5-7 दिन बाद आप देखेंगे बैग के चारों ओर बहुत सारे छोटे- छोटे मुशरूम खिलने लगा है।