Use of Nano DAP: Important and use Technique
नमस्कार किसान भाइयों और बहनों! आज हम बात करेंगे एक ऐसे उर्वरक के बारे में जो खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। इसका नाम है नैनो डीएपी (Nano DAP)। नैनो DAP (डायमोनियम फॉस्फेट) खेती में एक उन्नत तकनीक है, जो पारंपरिक DAP की तुलना में ज्यादा कारगर और पर्यावरण के लिए सुरक्षित साबित हो रही है।
इसे भारत सरकार द्वारा 2 मार्च 2023 को FCO (1985) के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है।
आइए समझते हैं कि नैनो DAP क्या है, इसे कैसे बनाया जाता है, इसका उपयोग कैसे किया जाता है और यह किसानों के लिए कैसे फायदेमंद है। नैनो DAP पूर्णतः स्वदेशी उत्पाद है, इसमें शासन कोई सब्सिडी नहीं देती है। जबकि अन्य पारंपरिक खाद में शासन को प्रति बोरी बहुत ज्यादा सब्सिडी देना पड़ता है।
नैनो डीएपी क्या है?
1 नैनो का मतलब 1 मिटर का 1000000000 वां भाग होता है। या 1 मिटर का 1 अरबवां भाग होता है। इतना छोटा होता है। लेकिन इस नैनो DAP के 1 कण का आकार 100 नैनो मीटर होता है।
नैनो डीएपी एक तरल उर्वरक है जिसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं। नैनो DAP एक नैनो टेक्नोलॉजी पर आधारित उर्वरक है। नैनो तकनीक की मदद से इन पोषक तत्वों को बहुत छोटे कणों में तोड़ा जाता है, जिससे पौधे इन्हें आसानी से अवशोषित कर सकते हैं।
जिसमें सामान्य DAP खाद जो 50 किलो की बोरी में आता है के मुकाबले फॉस्फोरस और नाइट्रोजन पोशाक तत्वों के कण नैनो आकार में होते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य पौधों को उनकी जरूरत के अनुसार पोषक तत्व सीधे और अधिक प्रभावी ढंग से उपलब्ध कराना है। नैनो DAP में मौजूद सूक्ष्म कण पौधों की जड़ों और पत्तियों द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाते हैं, जिससे पौधों को जल्दी और प्रभावी ढंग से पोषण मिलता है।
नैनो डीएपी में क्या-क्या होता है?
इस खाद में 8 % नाइट्रोजन और 16 % फास्फोरस (P2O5) होता है। पारंपरिक DAP जो 50 किलो की बोरी में आता है, उसमें से एक DAP में नाइट्रोजन 18% और 46 % फॉसफोरस होता है और एक इफको कंपनी का DAP आता है, इसमें 12 % नाइट्रोज, 32 % फॉसफोरस और 16 % पोटाश होता है, इसके अलावा बाजार में अन्य कई प्रकार के DAP आता है, जिसमें नाइट्रोजन और फॉसफोरस का मात्रा अलग-अलग होता है।
नैनो डीएपी कैसे बनाया जाता है?
नैनो डीएपी को बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है और इसमें कई वैज्ञानिक प्रक्रियाएं शामिल होती हैं।इसको बनाने में कई आधुनिक और महंगी मशीनों का उपयोग किया जाता है। लेकिन सरल शब्दों में कहें तो, नाइट्रोजन और फास्फोरस युक्त पदार्थों को विशेष तरीके से संसाधित किया जाता है ताकि वे नैनो आकार के कणों में बदल जाएं।
नैनो DAP को नैनो टेक्नोलॉजी के माध्यम से तैयार किया जाता है। इसमें फॉस्फोरस और नाइट्रोजन को नैनो कणों के रूप में तैयार किया जाता है, जो सामान्य DAP की तुलना में बहुत छोटे और हल्के होते हैं। ये कण पौधों में तेजी से घुलते हैं और जल्दी अवशोषित हो जाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान कुछ विशेष रासायनिक और भौतिक प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं ताकि नैनो DAP में उच्च गुणवत्ता और स्थिरता बनी रहे।
नैनो डीएपी काम कैसे करता है?
इसका आकार बहुत छोटे होने के कारण पौधे इसे बीज, जड़, स्टोमेटा, पत्तीयों एवं पौधे के अन्य छिद्रों से आसानी से अवशोषण कर पाटा है। इसके अलावा पौधे भी इस खाद के उपयोग में बहुत सहज होतें हैं, इसके फलस्वरूप पौधों में अधिक क्लोरफिल बनता है, इससे पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बढ़ जाती है।
इसके अलावा इससे बीज उपचार करने से यह बीजों में आसानी से प्रवेश कर जाते हैं और बीज के साथ चिपक कर बीज के चारों ओर की मिट्टी में भी मिल जाते हैं, और जब बीज का अंकुरण होता है तब यह नए पौधे को अच्छे से पोषक तत्व प्रदान कर उसे तेजी से बढ़ाता और उसका विकास करता है।
Use of Nano DAP
नैनो डीएपी को पानी में मिलाकर पौधों पर छिड़काव किया जाता है या फिर मिट्टी में मिलाया जाता है। इसे बीज उपचार के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। नैनो डीएपी का उपयोग करने का सही तरीका फसल और मिट्टी की स्थिति पर निर्भर करता है। इसलिए, किसी कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।
नैनो DAP का उपयोग सामान्य DAP की तरह ही किया जाता है, लेकिन इसके कुछ विशेष तरीके हैं। नैनो DAP के बोतल में लगे ढक्कन में 25 ml दवाई आता है। इसको उपयोग नापने के लिए किया जा सकता है।
- पत्तीयों में स्प्रे के रूप में: नैनो DAP को 3-4 ml प्रति लिटर पानी में मिलाकर पौधों की पत्तियों पर स्प्रे के रूप में छिड़का जा सकता है। यह पत्तियों के जरिए जल्दी अवशोषित हो जाता है। यह छिड़काव कल्ले निकलने या पुष्पन अवधि की शुरुवात में छिड़काव करना अधिक लाभकारी हो सकता है।
- मिट्टी में मिलाकर: इसे थोड़ी मात्रा में मिट्टी में मिलाया जा सकता है, जिससे पौधों की जड़ें इसे तेजी से सोख लेती हैं।
- फर्टिगेशन: सिंचाई के दौरान पानी में मिलाकर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे पौधों को समान रूप से पोषण मिलता है।
- नैनो DAP से बीज उपचार: इसके 3-5 ml मात्रा प्रति किलो बीज के दर से बीज उपचार किया जाता है, उपचार करने के बाद 20-30 मिनट तक बीज को छाया में सुखाया जाता है, उसके बाद इसका उपयोग बोने के लिए किया जा सकता है।
- नैनो DAP से जड़ एवं कंद उपचार: इसके लिए 3-5 ml नैनो DAP लेकर उसे प्रति लिटर पानी के हिसाब से घोल तैयार कर लेते हैं, इस तैयार घोल में 20-30 मिनट तक जिस पौधे के जड़ या कंद को लगाने से पहले उपचार करना है, उसे डूबा कर रख देते हैं, उसके बाद इसे 30 मिनट तक छाया में सूखा लेते हैं ताकि नैनो DAP कंद या जड़ में अच्छी तरह चिपक जाए और अवशोषित हो जाए। उसके बाद इसे पौध रोपण के लिए उपयोग किया जा सकता है।
नैनो DAP को कौन सी फसल में और कब-कब उपयोग करना चाहिए
Use of nano DAP in different crops
किसानों को नैनो डीएपी से क्या फायदा है?
नैनो डीएपी किसानों को कई तरह से फायदा पहुंचा सकता है:
- तेजी से वृद्धि: नैनो डीएपी के कारण पौधे तेजी से बढ़ते हैं और अधिक उत्पादन देते हैं।
- पोषक तत्वों का बेहतर उपयोग: नैनो डीएपी में मौजूद पोषक तत्व पौधों द्वारा अधिक आसानी से अवशोषित किए जाते हैं, जिससे पोषक तत्वों का नुकसान कम होता है।
- फसलों की गुणवत्ता एवं उपज में सुधार: नैनो डीएपी से फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है और फसल अधिक समय तक ताजा रहती है। नैनो DAP से पौधों को जल्दी और प्रभावी पोषण मिलता है, जिससे उनकी बढ़त में सुधार होता है और फसल की उपज में वृद्धि होती है।
- पर्यावरण के लिए सुरक्षित: नैनो डीएपी पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में पर्यावरण के लिए अधिक सुरक्षित है। नैनो DAP का उपयोग करने से मिट्टी में कम अवशेष बचते हैं और भूजल प्रदूषण का खतरा भी कम होता है। इसके सूक्ष्म कण धीरे-धीरे मिट्टी में घुलकर फसलों को पोषण देते हैं, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
- कृषि लागत में कमी: नैनो डीएपी के उपयोग से किसानों को अन्य उर्वरकों की तुलना में कम लागत में अधिक उत्पादन मिल सकता है। नैनो DAP की थोड़ी मात्रा में ही फसल को पर्याप्त पोषण मिल जाता है। इससे पारंपरिक DAP की मात्रा में कमी आ जाती है और किसानों का खर्च भी घटता है। सामान्यतः नॉर्मल DAP और यूरिया खाद में पाए जाने वाले नाइट्रोजन और फॉसफोरस का क्रमशः 30-40 % और 15-20 % ही पौधों को मिलता है, बाँकी मिट्टी, पानी और हवा में मिलकर उसे प्रदूषित और वास्ते हो जातें हैं। जबकि नैनो DAP का पोषक तत्वों का 80-90 % भाग पौधे उपयोग कर पाते हैं, बहुत ही कम वैस्ट होता है।
- पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार: नैनो DAP का उपयोग पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे फसलें रोगों के प्रति अधिक सहनशील बनती हैं।
- इसको कोई भी किटनाशक दवाई के साथ मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है। यह लाभगग सभी के साथ Compatible है।
नैनो DAP के उपयोग में सावधानी
- नैनो DAP को उत्पादन तिथि से 24 महीने मतलब 2 साल के अंदर उपयोग कर लेना चाहिए। इसके बाद इसका प्रभाव कम हो जाता है।
- इसका छिड़काव के समय मास्क और दस्ताने जरुर पढ़ें, यह इतना छोटा होता है कि हमारे सांस के द्वारा हमारे शरीर में आसानी से जा सकता है और हमे नुकसान पहुंचा सकता है।
- इसके बोतल को हमेसा ठंडे और सूखे स्थान पर ही रखना चाहिए, इससे इसकी क्वालिटी बनी रहती है।
- इसको पालतू जानवरों और बच्चों के पहुँच से दूर रखना है।
- इसके उपयोग के 6-8 घंटे तक पानी नहीं गिरना चाहिए, तभी इसको पुरी तरह पौधे अवशोषित कर पाते हैं। मतलब खराब मौसम में इसका छिड़काव नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष
नैनो डीएपी एक आधुनिक और प्रभावी उर्वरक है जो किसानों को उनकी फसलों का उत्पादन बढ़ाने में मदद कर सकता है। नैनो DAP खेती में एक बड़ी तकनीकी क्रांति है, जो किसानों को बेहतर उपज, कम लागत, और पर्यावरण संरक्षण में मदद करता है। इसके उपयोग से फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है और उत्पादन में वृद्धि होती है। किसान भाइयों, नैनो DAP का प्रयोग आपकी खेती को और अधिक लाभदायक बना सकता है। समय के साथ-साथ आधुनिक खेती की ओर बढ़ें और नैनो DAP का लाभ उठाएं!
Credit: Iffco company (Manufacture and distributor of Nano DAP and Nano Urea fertilizers
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अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे किसी भी पेशेवर सलाह के विकल्प के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी कृषि संबंधी समस्या के लिए किसी कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करें।