Nam Myoho Renge Kyo Meaning in Hindi
नम म्योहो रेंगे क्यो: अर्थ और वैज्ञानिक विधि
नम म्योहो रेंगे क्यो एक बौद्ध मंत्र है जो निचिरेन बौद्ध धर्म में जाप किया जाता है। यह मंत्र कमल सूत्र के रहस्यमय कानून के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
शब्दों का अर्थ:
- नम (Nam): संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है “समर्पण करना” या “श्रद्धांजलि अर्पित करना”। यह अपने जीवन और मन को बुद्ध के मार्ग के प्रति समर्पित करने का भाव व्यक्त करता है।
- म्योहो (Myoho): “रहस्यमय कानून” या “अद्भुत कानून”। यह ब्रह्मांड के उस मूलभूत नियम को संदर्भित करता है जो सभी घटनाओं को नियंत्रित करता है। इसे रहस्यमय इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सामान्य बुद्धि से परे है।
- रेंगे (Renge): “कमल का फूल”। कमल का फूल बौद्ध धर्म में पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक है। यह कीचड़ में उगने के बावजूद अपनी सुंदरता और शुद्धता बनाए रखता है, जो सांसारिक कठिनाइयों के बीच ज्ञानोदय प्राप्त करने की संभावना का प्रतीक है।
- क्यो (Kyo): “सूत्र” या “उपदेश”। यह बुद्ध के उपदेशों को संदर्भित करता है, विशेष रूप से कमल सूत्र को।
कुल मिलाकर अर्थ:
नम-म्योहो-रेंगे-क्यो का जाप करने का अर्थ है कमल सूत्र के रहस्यमय कानून के प्रति पूर्ण समर्पण और श्रद्धा व्यक्त करना। यह अपने भीतर के बुद्ध स्वभाव को जगाने और जीवन की चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने का दृढ़ संकल्प है। यह मंत्र हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी में बुद्ध बनने की क्षमता है।
नम म्योहो रेंगे क्यो का जाप करने की वैज्ञानिक विधि:
हालाँकि “नम म्योहो रेंगे क्यो” का जाप एक आध्यात्मिक अभ्यास है, लेकिन इसके कुछ पहलुओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझा जा सकता है:
- शांत जगह पर बैठें या खड़े हों।
- अपनी आँखें बंद करें या नीचे देखें।
- नियमितता और पुनरावृत्ति: नियमित रूप से, प्रतिदिन, एक निश्चित समय पर मंत्र का जाप करने से मस्तिष्क में नए तंत्रिका मार्ग बनते हैं। इसे न्यूरोप्लास्टिसिटी कहते हैं। मंत्र जाप भी एक तरह का अभ्यास है जिससे मस्तिष्क में सकारात्मक विचारों और भावनाओं से जुड़े मार्ग मजबूत होते हैं।
- ध्वनि और कंपन: मंत्रों का उच्चारण एक विशेष लय और कंपन पैदा करता है जो मन को शांत करने और ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता है।
- एकाग्रता और ध्यान: मंत्र जाप एक प्रकार का ध्यान है जो एकाग्रता को बढ़ाता है। ध्यान करने से मस्तिष्क की गतिविधि में बदलाव आता है, जैसे कि अल्फा तरंगों में वृद्धि, जो शांति और विश्राम से जुड़ी होती हैं।
- विश्वास और सकारात्मक सोच: मंत्र में विश्वास रखना और सकारात्मक परिणाम की उम्मीद करना जाप के प्रभाव को बढ़ा सकता है।
आप जितनी बार चाहें उतनी बार इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। निचिरेन बौद्ध धर्म के अनुयायी सुबह और शाम को नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करते हैं।
नम म्योहो रेंगे क्यो मंत्र किसका दिया हुआ है, इस मंत्र का इतिहास और महत्व
नम म्योहो रेंगे क्यो मंत्र निचिरेन दाशो द्वारा दिया गया है, जो 13वीं शताब्दी में जापान में रहने वाले एक बौद्ध भिक्षु थे। यह मंत्र उनके द्वारा स्थापित निचिरेन बौद्ध धर्म का केंद्रीय अभ्यास है।
नम म्योहो रेंगे क्यो मंत्र का इतिहास
निचिरेन दाशो का जन्म 1222 ईस्वी में जापान में हुआ था। उन्होंने कम उम्र में ही बौद्ध धर्म का अध्ययन करना शुरू कर दिया था और उन्हें इस बात का गहरा अहसास था कि उस समय के बौद्ध धर्म के विभिन्न संप्रदायों में बहुत विरोधाभास था। उनका मानना था कि लोगों को बुद्ध की सच्ची शिक्षाओं तक पहुंचने का एक सरल और सीधा तरीका होना चाहिए।
लंबे समय तक अध्ययन और चिंतन के बाद, निचिरेन दाशो इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि कमल सूत्र (लोटस सूत्र) ही बुद्ध की सर्वोच्च शिक्षा है। उन्होंने 1253 ईस्वी में नम म्योहो रेंगे क्यो मंत्र की स्थापना की, जो कमल सूत्र के सार को व्यक्त करता है।
निचिरेन दाशो ने अपने जीवनकाल में इस मंत्र का प्रचार किया और लोगों को इसे जपने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कई कठिनाइयों और उत्पीड़न का सामना किया, लेकिन वे अपने विश्वास पर दृढ़ रहे। उनका मानना था कि नम म्योहो रेंगे क्यो का जाप करके कोई भी व्यक्ति अपने भीतर के बुद्ध स्वभाव को जगा सकता है और खुशी और शांति का जीवन जी सकता है।
नम म्योहो रेंगे क्यो मंत्र का महत्व
नम म्योहो रेंगे क्यो मंत्र के कई महत्वपूर्ण पहलू हैं:
- सरलता: यह मंत्र बहुत ही सरल है और इसे कोई भी जप सकता है, चाहे उसकी पृष्ठभूमि या शिक्षा कुछ भी हो।
- सार्वभौमिकता: यह मंत्र किसी विशेष संस्कृति या क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी मनुष्यों के लिए है।
- शक्ति: निचिरेन बौद्ध धर्म के अनुयायियों का मानना है कि इस मंत्र में अपार शक्ति है जो व्यक्ति के जीवन को बदल सकती है।
- बुद्ध स्वभाव: यह मंत्र व्यक्ति को अपने भीतर के बुद्ध स्वभाव से जोड़ता है, जो सभी मनुष्यों में निहित है।
- खुशी और शांति: इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को खुशी, शांति और संतोष की अनुभूति होती है।
निष्कर्ष:
“नम म्योहो रेंगे क्यो” का जाप एक शक्तिशाली मंत्र है जो व्यक्तिगत विकास और आध्यात्मिक जागृति को बढ़ावा दे सकता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, इसके जाप के कुछ लाभों को समझा जा सकता है, जैसे कि तनाव में कमी, एकाग्रता में वृद्धि और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना।
यदि आप “नम म्योहो रेंगे क्यो” का जाप करने में रुचि रखते हैं, तो किसी योग्य गुरु या शिक्षक से मार्गदर्शन लेना सबसे अच्छा है। वे आपको मंत्र का उच्चारण करने और इसके अर्थ को समझने में मदद कर सकते हैं।
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संदर्भ: