दी.उ.भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना नया फॉर्म 2025 छ:ग में मिलेंगे सालाना 10,000 रूपये की आर्थिक सहायता

 दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना छ:ग के क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश

छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामीण / नगरीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ सत्र में ही कृषि मजदूरी के लिए पर्याप्त अवसर रहता है। रबी सत्र में फसल क्षेत्राच्छादन कम होने के कारण कृषि मजदूरी के लिए अवसर भी कम हो जाता है। कृषि मजदूरी कार्य में संलग्न ग्रामीणों में अधिकतर लघु, सीमांत अथवा भूमिहीन कृषक हैं। यह योजना 20 जनवरी 2025 दिन सोमवार से शुभ आरंभ हो रही है. 

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इसमें से भूमिहीन कृषि मजदूर को अन्य की अपेक्षा रोजगार के कम अवसर ग्राम एवं नगर पंचायत स्तर पर उपलब्ध होते हैं। राज्य शासन द्वारा ऐसे वर्ग को संबल प्रदाय करने की दृष्टि से दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना प्रारंभ किया गया है।

दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना Online का प्रमुख उद्देश्य

1. ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत में भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की पहचान करना तथा भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान उपलब्ध कराना ।

2. आर्थिक अनुदान के माध्यम से भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के शुद्ध आय में वृद्धि करना ।

दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के क्रियान्वयन

राज्य स्तर पर आयुक्त / संचालक भू-अभिलेख तथा जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की देख-रेख में योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।

भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के लिए निम्न हितग्राही पात्र होंगे, भूमिहीन किसान कौन होते है? जानिए

  • योजना अंतर्गत पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को होगी ।
  • ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में निवासरत भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे, जिस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि तथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा।
  • ग्राम पंचायत / नगर पंचायत क्षेत्र के भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे – पौनी – पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है ।
  • अनुसूचित क्षेत्रों के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के आदिवासियों के देवस्थल में पूजा करने वाले व्यक्ति जिन्हें पुजारी / बैगा / गुनिया / मांझी आदि नामों से जाना जाता है, तथा आदिवासियों के देव स्थल के हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया, कृषि भूमि धारण करने के बावजूद योजनांतर्गत पात्र होंगें। परंतु इस वर्ग के वे परिवार जो शासन से सामायिक भत्ता / आर्थिक सहायता अन्य योजना में प्राप्त कर रहे हों, पात्र नहीं होंगे।
  • भूमिहीन कृषि मजदूर से अभिप्रेत है- ऐसा व्यक्ति जो कोई कृषि भूमि धारण नहीं करता और जिसकी जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम करना है और उसके परिवार का जिसका की वह सदस्य है, कोई सदस्य किसी कृ षि भूमि को धारण नहीं करता है।
  • परिवार से अभिप्रेत है कि किसी व्यक्ति का कुटुम्ब अर्थात् उसकी पत्नी या पति, संतान तथा उन पर आश्रित माता – पिता ।
    कृषि भूमि धारण नहीं करना से अभिप्रेत है कि उस परिवार के पास अंश मात्र भी कृषि भूमि नहीं होना ।
  • कृषि भूमिहीन परिवारों की सूची में से परिवार के मुखिया के माता या पिता के नाम से यदि कृषि भूमि धारित है अर्थात उस परिवार को उत्तराधिकार हक में भूमि प्राप्त करने की स्थिति होगी, तब वह परिवार भूमिहीन परिवार की सूची से पृथक हो जाएगा।
  • आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी।
  • अपंजीकृत परिवारों को योजनांतर्गत अनुदान की पात्रता नहीं होगी।
  • पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने पर उक्त परिवार के द्वारा पात्रता अनुसार नवीन आवेदन योजनांतर्गत प्रस्तुत किया जाना होगा ।
  • कृषि भूमि धारण नहीं करना से अभिप्रेत है कि उस परिवार के पास अंश मात्र भी कृषि भूमि नहीं होना ।
  • कृषि भूमिहीन परिवारों की सूची में से परिवार के मुखिया के माता या पिता के नाम से यदि कृषि भूमि धारित है अर्थात् उस परिवार को उत्तराधिकार हक में भूमि प्राप्त करने की स्थिति होगी, तब वह परिवार भूमिहीन परिवार की सूची से पृथक् हो जाएगा ।
  • आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी।
  • अपंजीकृत परिवारों को योजनांतर्गत अनुदान की पात्रता नहीं होगी ।
  • पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने पर उक्त परिवार के द्वारा पात्रता अनुसार नवीन आवेदन योजनांतर्गत प्रस्तुत किया जाना होगा ।
  • यदि पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया के द्वारा असत्य जानकारी के आधार पर अनुदान सहायता राशि प्राप्त की गई हो, तब विधिक कार्यवाही करते हुए उक्त राशि उससे भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जाएगी।
भूमिहीन फॉर्म
फोटो क्रेडिट: twitter

भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में इन मजदूरों को लाभ नहीं मिलेगा/ अपात्र होंगे

  • इस योजनांतर्गत निम्नांकित श्रेणियों के परिवार / व्यक्ति अपात्र होंगे-
  • नगर निगम एवं नगर पालिका के रहवासी परिवार / व्यक्ति ।
  • वे व्यक्ति जो किसी संवैधानिक पद को धारण करते हैं / पूर्व में संवैधनिक पद धारित करते थे / वे व्यक्ति जो केन्द्र शासन, राज्य शासन के किसी भी विभाग या कार्यालय और उसकी क्षेत्रीय इकाई में अधिकारी / कर्मचारी के रूप में सेवारत है या सेवानिवृत्त हुए हैं ऐसे अधिकारी / कर्मचारी भी सम्मिलित माने जाएंगे।
  • वे व्यक्ति जो केन्द्र शासन / राज्य शासन के अधीनस्थ निगम, मंडल, आयोग, प्राधिकरण आदि में संविदा अस्थाई / स्थाई रूप से काम करने वाले सम्मिलित माने जाएंगे।
  • आउटसोर्सिंग के आधार पर अथवा दैनिक वेतन पर कार्य करने वाले कर्मचारी भी निरर्हता की श्रेणी में आयेंगे।
  • वे व्यक्ति जिन्होंने सरकार के अधीन किसी केन्द्रीय या राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) और स्वायत्त निकायों में एक अधिकारी या कर्मचारी के रूप में कार्य किया हो।
  • स्थानीय सरकारी निकायों के नियमित कर्मचारी ।
  • केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों के वर्तमान और पूर्व मंत्री ।
  • लोकसभा और राज्यसभा के वर्तमान और पूर्व सदस्य ।
  • राज्य विधान सभा और राज्य विधान परिषदों के वर्तमान और पूर्व सदस्य, जिला पंचायत का कोई भी वर्तमान या पूर्व अध्यक्ष |
  • जनपद पंचायत का कोई भी वर्तमान या पूर्व अध्यक्ष | ग्राम पंचायत का कोई भी वर्तमान या पूर्व सरपंच / पंच ।
  • किसी भी नगरीय ईकाई के वर्तमान या पूर्व अध्यक्ष (मेयर, अध्यक्ष, पार्षद आदि)
  • कोई भी व्यक्ति जिसने पिछले आंकलन वर्ष ( AY) या उसके परिवार में आयकर दाखिल किया है।
  • डॉक्टर, इंजीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, ऑर्किटेक्ट तथा शासन द्वारा समय – समय पर नियत अन्य कोई पेशेवर वर्ग ।

दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना Online में पंजीयन कराने की विधि

  • योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए हितग्राही परिवार को आवश्यक दस्तावेज यथा- आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ आवेदन ग्राम पंचायत क्षेत्रों में सचिव ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत के समक्ष प्रस्तुत किया जाना होगा।
  • अनुसूचित क्षेत्र अंतर्गत आने वाले नगर पालिका में स्थित आदिवासियों के देवस्थल में पूजा करने वाले व्यक्ति जिन्हें पुजारी / बैगा / गुनिया / मांझी आदि नामों से जाना जाता है, तथा आदिवासियों के देव स्थल के हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया के आवेदन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका / नगर पंचायत के समक्ष आवेदन करेंगें।
  • आवेदन में मोबाईल नंबर का भी उल्लेख किया जाना होगा। हितग्राही परिवार आवेदन की पावती यथा स्थिति ग्राम पंचायत सचिव / मुख्य नगर पालिका अधिकारी से प्राप्त कर सकेगा। प्राप्त आवेदनों को ग्राम पंचायत सचिव द्वारा ग्रामवार, ग्राम पंचायतवार मुख्य किया जाना होगा।
  • हितग्राही परिवार आवेदन की पावती यथा स्थिति ग्राम पंचायत सचिव / मुख्य नगर पालिका अधिकारी से प्राप्त कर सकेगा ।
  • प्राप्त आवेदनों को ग्राम पंचायत सचिव द्वारा ग्रामवार, ग्राम पंचायतवार मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत तथा नगर पंचायत क्षेत्रो में मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत एवं अनुसूचित क्षेत्रों के नगर पालिकाओं में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरपालिका में निर्धारित समय-सीमा के भीतर जमा करना होगा, जहाँ पोर्टल में इसकी प्रविष्टि की जाएगी।
  • पोर्टल में की गई प्रविष्टियों का कृषि भूमिधारिता के संबंध में पुनः परीक्षण राजस्व अधिकारी (नायब तहसीलदार / तहसीलदार) द्वारा भुईयां रिकॉर्ड को आधार मानते हुए किया जाएगा।
  • योजना अंतर्गत हितग्राही परिवारों के पंजीयन का कार्य शासन द्वारा नियत तिथि तक संबंधित जनपद पंचायत एवं नगर पंचायत के कार्यालयों में दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के पोर्टल में पंजीयन कराने की जिम्मेदारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत की होगी ।
  • योजना अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु हितग्राही परिवार के मुखिया को आवेदन के साथ आधार नंबर अनिवार्य रूप से देना होगा। हितग्राही परिवारों से आधार नंबर उनकी सहमति से प्राप्त किया जाएगा। यदि किसी हितग्राही परिवार के पास आधार नंबर नहीं है तब मैदानी अमलों के द्वारा ऐसे हितग्राही परिवारों को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) में पंजीयन हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • हितग्राही परिवारों के बैंक विवरण में त्रुटि होने पर विभाग के मैदानी अमले के द्वारा संबंधित हितग्राही परिवार से 15 दिवस के भीतर सही बैंक विवरण प्राप्त करते हुए अनुदान राशि अंतरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना Online करने में पात्र/अपात्र हितग्राही परिवारों का सत्यापन ऐसे होगा

  • पोर्टल में पंजीकृत हितग्राही परिवारों की ग्राम / ग्राम पंचायतवार सूची मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत एवं नगर पंचायत क्षेत्र में मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा तैयार की जाएगी तथा राजस्व अधिकारी (नायब तहसीलदार / तहसीलदार) द्वारा भूमिधारिता के संबंध में भुईयां रिकॉर्ड से परीक्षण किया जाएगा।
  • इस तथ्य का विशेष परीक्षण किया जाएगा कि कृषि भूमिहीन परिवारों की सूची में से परिवार के मुखिया के माता या पिता के नाम से पृथक से कृषि भूमि धारित तो नहीं है? क्योंकि ऐसी स्थिति में उस परिवार को उत्तराधिकार में कृषि भूमि प्राप्त होगी। राजस्व अधिकारियों से सत्यापन पश्चात् उत्तराधिकार में कृषि भूमि प्राप्त करने वाले संभावित परिवारों को सूची से पृथक किया जाएगा।
  • इस प्रकार तैयार की गई अद्यतन सूची जिसमें परिवार के मुखिया का आधार कार्ड, मोबाईल नंबर एवं बैंक खाता क्रमांक भी अंकित होगा । सूची में अ.जा, अ.ज.जा., अ.पि.व. एवं अन्य वर्ग का भी उल्लेख किया जाएगा। संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा उक्त सूची ग्राम सभा एवं नगर पंचायत द्वारा सामान्य सभा के समक्ष दावा आपत्ति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा तथा दावा आपत्ति के निराकरण के पश्चात् पात्र परिवारों को जोड़ा जाएगा तथा अपात्र परिवारों को पृथक किया जाएगा।
  • इस प्रकार यथा संशोधित सूची दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के लिए अंतिम रूप से तैयार तथा पोर्टल पर अद्यतन की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अंतिम रूप से चिन्हांकित सूची में कृषि भूमि धारित करने वाले परिवार नहीं हों।
  • ऐसी तैयार सूची में चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धाबी, पुरोहित जैसे- पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय समय पर ऐसे परिवारों को जोड़ा जाएगा जिनके पास कृषि भूमि नहीं है।
  • इसके अतिरिक्त अनुसूचित क्षेत्रों के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के आदिवासियों के देवस्थल में पूजा करने वाले व्यक्ति जिन्हें पुजारी / बैगा / गुनिया / मांझी आदि नामों से जाना जाता है, तथा आदिवासियों के देव स्थल के हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया, कृषि भूमि धारण करते हों, उन्हे भी जोड़ा
    जाएगा।
  • ऐसी अंतिम सत्यापित सूची योजना अंतर्गत जिला स्तर पर तैयार करने की जिम्मेदारी कलेक्टर या उनके द्वारा इस बाबत् नामित अधिकारी की होगी । अंतिम सत्यापित सूची में किसी प्रकार का परिवर्धन / संशोधन / निरसन जिला अनुश्रवण समिति की अनुशंसा पर ही किया जा सकेगा।

दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना Online में सहायता राशि

योजनांतर्गत प्रतिवर्ष राशि रूपये 10,000/- पात्र चिन्हित हितग्राही परिवार के मुखिया को किश्तों में अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
अनुदान सहायता राशि चिन्हित सूचीबद्ध परिवार के मुखिया को सीधे बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) द्वारा की जाएगी। अब इन कृषक मजदूरों को मिलेगा 10,000/- रुपये सालाना, इसकी घोषणा छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी नें किये हैं। इस योजना का लाभ एक परिवार में एक ही को मिलेगा.

छूटे हुए पात्र हितग्राही परिवार के मुखिया को जिला अनुश्रवण समिति की अनुशंसा पर आर्थिक अनुदान सहायता राशि दी जा सकेगी। अनुश्रवण समिति की अनुशंसा पर असत्य जानकारी के आधार पर आर्थिक अनुदान प्राप्त करने वाले हितग्राही परिवार के मुखिया के विरुद्ध विधिक कार्यवाही तथा दी गई अनुदान सहायता राशि भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जा सकेगी।

निम्न तरह आप किसी भी भूमिहीन कृषको का क़िस्त चेक कर सकते हैं-

  1. सर्वप्रथम आपको आपको राजश्व विभाग के इस ऑफिसियल लिंक पर क्लिक करना है. https://revenue.cg.nic.in/ddubkmky/reginfo.aspx
  2. उसके बाद आपको शहरी या ग्रामीण क्षेत्र का 2 विकल्प देखेगा, जिसमें से आपको सही विकल्प चयन करना है.
  3. अगर ग्रामीण विकल्प चयन करेंगे या शहरीय क्षेत्र चयन करें, दोनों में निम्न तरह से आगे का पेज खुलेगा
भूमिहीन कृषको का क़िस्त चेक
फोटो क्रेडिट: राजस्व विभाग छत्तीसगढ़

4. इसके बाद आप अपना पंजीयन का विवरण अपने आधार नंबर, मोबाइल नंबर या पंजीयन नंबर या अपने नाम लिखकर निकल सकते हैं. आपके पंजीयन विवरण में ही आपको कितना क़िस्त कब, कितना और कौन सा खाते में मिला है. यह सभी जानकारी लिखा होगा.

भूमिहीन का नया पंजीयन का फॉर्म कब से भर सकते हैं और क्या प्रोसेस है?

इस योजना के तहत वर्तमान में पहले से पंजीकृत भूमिहीन कृषको को लाभ मिला है. लेकिन अभी नया फॉर्म भरने का कोई स्पष्ट आदेश नहीं मिला है, जो पात्र भूमिहीन कृषक इस योजना में जुड़ना चाहते हैं, उनको अपना पार्षद या सचिव से संपर्क करना चाहिए और समय-समय में इस योजना की जानकारी लेते रहना चाहिए . इसके अलावा आप अपने क्षेत्र के जनपद पंचायत में जाकर भी इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

जिन किसानों को अभी इस योजना के तहत 10000/- रूपये मिला है. उनका पंजीयन राजीव गाँधी भूमिहीन कृषक न्याय योजना के तहत हुआ था, जिसका नाम अभी बदलकर दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना कर दिया गया है.

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