MAINBOARD Meaning in IPO
IPO का फूल फॉर्म Initial Public Offering होता है। जब भी कोई कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट होता है, उसके पहले उसका IPO आता है। इसमें पब्लिक से उस कंपनी का बल्क में शेयर खरीदने के लिए रीक्वेस्ट किया जाता है। जिससे कॉम्पनी को पैसा मिलती है और लोगों को उस कॉम्पनी में हिस्सेदारी । इसका एक फिक्स समय रहता है। जिसमें आपको IPO के लिए अपने Demat account से ऑर्डर करना होता है।
जब आप IPO वाला सेक्शन में जाएंगे तो जिस कॉम्पनी का IPO है, उसके नीचे में MAINBOARD लिखा रहता है। इसका मतलब जानना सभी IPO में पैसे लगाने वालों को जरूर होना चाहिए। यह बहुत ही महत्वपुर्ण जानकारी हो सकती है।
MAINBOARD Meaning in IPO हिन्दी में
कंपनी के नाम के नीचे में Mainboard लिखा रहता है। इसका मतलब उस कंपनी का MAINBOARD type का IPO है। अगर किसी कंपनी का IPO MAINBOARD के रूप में हुई है तो वह कॉम्पनी के बारे में कई महत्वपुर्ण जानकारी देती है। जैसे-
- वह कंपनी कम से कम 10 करोड़ रुपये का IPO लाया है।
- अगर कोई इसके IPO लेना चाहता है तो उसे 10,000 से 15000 Rs तक का 1 लॉट लेना पड़ता है।
- Qualified institutional buyer (QIB) के शेयर खरीदने के लिए कम से कम 50 % IPO सब्स्क्रिप्शन होना चाहिए। इससे कम में QIB को शेयर अलॉटमेंट नहीं होता है।
- इसका दस्तावेज का जांच SEBI द्वारा किया जाता है।
- इन कंपनी को IPO पूर्ण करने के लिए 6 माह का समय दिया जाता है।
- अगर किसी को इसका IPO अलॉटमेंट हुआ है और वह उसे बेचना चाहता है तो वह इन्डविजूअल शेयर बेच सकता है, पूरा लॉट बेचना जरूरी नहीं होता है।
- इन कंपनी को प्रत्येक 4 माह में (Quarterly Report) अपने कंपनी का परफॉरमेंस रिपोर्ट SEBI को प्रस्तुत करना होता है।
- इन कंम्पनियों को कम से कम 1000 लोगों को IPO आबंटन करना अनिवार्य होता है।
- आमतौर पर यह एक बड़ी कंपनी का IPO होती है। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है।
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