गर्मी धान में लगने वाले कीटों का लिस्ट और उसके लिए किटनाशक दवा 2025

गर्मी धान में लगने वाले किट और उसके नियंत्रण के लिए दवा 2025

(गर्मी धान में लगने वाले सभी प्रमुख कीट, उनके लक्षण, धान को होने वाला नुकसान और उनका नियंत्रण)

धान की फसल पर गर्मी के मौसम में कई प्रकार के कीट हमला करते हैं। सही समय पर इन कीटों की पहचान और नियंत्रण से फसल की उत्पादकता को बचाया जा सकता है। यहां उन 14 कीटों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत है, जिनका आपने उल्लेख किया है।

1. ब्लू जैसिड
लक्षण: पत्तियों से रस चूसना, जिससे पत्तियां पीली और सूखी हो जाती हैं।
नुकसान: पौधे की वृद्धि रुक जाती है और उपज कम हो जाती है।
नियंत्रण: Oxydemeton methyl 25%EC का उपयोग करें।

2. भूरा माहू
लक्षण: पौधों से रस चूसना और पत्तियों को पीला करना।
नुकसान: भारी संक्रमण से पौधे मर सकते हैं।
नियंत्रण: Acetamiprid 20%SP, Benfuracard 3% GR, Benzpyrimoxan 10%SC, Buprofezin 25%SC।

3. केस वर्म
लक्षण: पत्तियों को काटकर खा जाते हैं।
नुकसान: पौधों की गुणवत्ता और उत्पादकता प्रभावित होती है।
नियंत्रण: Phenthoate 50%EC का छिड़काव करें।

4. गाल मीज
लक्षण: पत्तियों पर गांठें (गॉल्स) बन जाती हैं।
नुकसान: पौधे कमजोर हो जाते हैं और उत्पादन घट जाता है।
नियंत्रण: Carbosulphuron 25%EC, Chloropyriphos 20%EC, Ethofenoprox 10%EC।

5. ग्रास हापर
लक्षण: पौधों की पत्तियां और तने को खा जाते हैं।
नुकसान: पौधों की वृद्धि रुक जाती है।
नियंत्रण: Chlorpyriphos 1.5%DP का छिड़काव करें।

6. हरा फुदका
लक्षण: पौधों से रस चूसना और पत्तियों को नुकसान पहुंचाना।
नुकसान: पौधे कमजोर और पीले पड़ जाते हैं।
नियंत्रण: Bifenthrin 10%EC, Buprofezin 25%SC, Deltamethrin 11%EC, Fenobucarb 50%EC।

7. ग्रीन सेमिलूपर
लक्षण: पत्तियों को कुतर कर खाना।
नुकसान: पत्तियों की कमी से पौधों की उत्पादकता कम हो जाती है।
नियंत्रण: Indoxacarb 15.8%EC का छिड़काव करें।

8. गंधी बग किट
लक्षण: धान के दानों को काटना और नुकसान पहुंचाना।
नुकसान: दाने हल्के और खाली हो जाते हैं।
नियंत्रण: Dinotefuron 15%+Pymetrozine 45%WG, Imidacloprid 6%+Lambda-Cyhalothrin 4%SL।

9. हिस्पा किट (बंकी)
लक्षण: पत्तियों पर छोटे छेद बनाना।
नुकसान: पत्तियों की प्रकाश संश्लेषण क्षमता कम हो जाती है।
नियंत्रण: Chlorpyriphos 20%EC, Lambda Cyhalothrin 2.5%EC, Imidacloprid 6%+Lambda-Cyhalothrin 4%SL।

10. पत्ती मोड़क
लक्षण: पत्तियों को मोड़कर खाना।
नुकसान: पौधों की वृद्धि पर बुरा असर पड़ता है।
नियंत्रण: Benfuracarb 3%GR, Chromafenozide 80%WP, Fenpropathrin 30%EC, Indoxacard 15.8%EC।

11. तना छेदक
लक्षण: तनों में छेद बनाना और तनों को कमजोर करना।
नुकसान: पौधे गिर सकते हैं और उपज घट जाती है।
नियंत्रण: Chlorpyriphos 50%EC, Bifenthrin 10%EC, Quinolphos 25%GEL।

12. तना मक्खी
लक्षण: तनों को खोखला करना।
नुकसान: पौधों की वृद्धि रुक जाती है।
नियंत्रण: Indoxacarb 15.8%EC का उपयोग करें।

13. थ्रीप्स
लक्षण: रस चूसना और पत्तियों पर सफेद निशान बनाना।
नुकसान: पौधे कमजोर हो जाते हैं।
नियंत्रण: Lambda-Cyhalothrin 5%EC, Thiamethoxam 25%WG, Imidacloprid 48%FS।

14. पीला तना छेदक
लक्षण: तनों को काटना और खोखला करना।
नुकसान: पौधे गिर सकते हैं और उपज कम हो जाती है।
नियंत्रण: Cartap Hydrochloride 75%SG, Chlorantraniliprole 50%FS, Tetraniliprole 18.18%SC, Indoxacarb 10%+Thiamethoxam 10%WG।

सुझाव और सावधानियां:

1. सुरक्षा उपकरणों का उपयोग: छिड़काव के समय मास्क, दस्ताने और उचित कपड़े पहनें।

2. विशेषज्ञ की सलाह: दवा के उपयोग से पहले कृषि विशेषज्ञ से परामर्श लें।

3. सुरक्षित मात्रा: कीटनाशकों का उपयोग निर्धारित मात्रा में करें।

4. दवा के साथ मिलने वाले पर्ची/मार्गदर्शिका/लीफलेट को जरूर पढ़ें, उसमें उस दवा का कितना उपयोग करना है? कैसे और कब उपयोग करना है? सब कुछ सहीं-सहीं लिखा होता है। इसी के अनुसार दवा का उपयोग करें। दूसरों के बताए अनुसार मात्रा को कम-ज्यादा ना करें।

यह लेख किसानों के लिए एक मार्गदर्शिका के रूप में काम करेगा, जो धान की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों की पहचान और उनके प्रभावी नियंत्रण में मदद करेगा। 🌾

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