google.com, pub-6447189776665813, DIRECT, f08c47fec0942fa0

CG: खेत में शासकीय बोर खनन के लिए क्या करें ? , कितना पैसे लगता है? और कितना छूट मिलता है?, जानिए

खेत में शासकीय बोर खनन के लिए क्या करें ?

छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए किसान समृद्धि योजना अंतर्गत शासकीय बोर कराया जाता है ।

आवश्यक शर्तें 

इसके लिए किसान के पास एक चक में कम से कम 2.5 एकड जमीन होना चाहिए ।

खेत में जहां किसान बोर खनन कराना चाहता है उस स्थान से अन्य कोई भी बोर की दूरी 300 मीटर से कम नहीं होना चाहिए ।

अगर किसान के पास खुद का 2.5 एकड़ से ज्यादा जमीन है लेकिन एक ही जगह नहीं है तो क्या करें ? 

ऐसे स्थिति में बगल वाले किसान से सहमति बनाकर 2.5 एकड़ से ज्यादा जमीन एक चक में किया जा सकता है लेकिन खुद का एक ही जगह कम से कम 1.5 एकड़ खेत होना चाहिए और कुल जमीन भी 2.5 एकड़ से ज्यादा होना चाहिए ।

आवश्यक दस्तावेज क्या-क्या लगेगा ?

  • फार्म
  • खेत का ऋणपुस्तिका का फोटोकॉपी
  • बी -1
  • नक्शा ( जिस खसरा नंबर में खनन कराना चाहता हो उसका)
  • पी – 2
  • आधार कार्ड का फोटोकॉपी
  • बैंक पासबुक का फोटोकॉपी  किसी भी बैंक का ।
  • 2 पासपोर्ट साइज़ फोटो ।
  • सरपंच वाला जाति प्रमाण पत्र (सामान्य वर्ग के किसान को नहीं लगेगा ) और फार्म अनुशंसा में हस्ताक्षर ।

सरकारी बोर खनन के लिए किस्से संपर्क करना पड़ेगा ?

जो किसान  शासकीय अनुदान में बोर खनन करना चाहता हो , उनको अपने गाँव क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी (RAEO) , कृषि विभाग से संपर्क करना चाहिए । उनके माध्यम से ही फॉर्म और नलकूप खनन दोनों का लाभ मिलता है।

सरकारी बोर के लिए कितना छूट या पैसा मिलता है ?

SC एवं ST वर्ग के किसानों के लिए 25000 रुपये बोर खनन के लिए एवं 18000 रुपये मोटर के लिए मिलता है । कुल 43000 रुपये ।

OBC वर्ग के किसानों को 20000 रुपये खनन के लिए एवं 10000 रुपये मोटर के लिए मिलता है , कुल 35000 रुपये ।

सामान्य वर्ग के किसानों को 15000 खनन और 10000 मोटर लगवाने के लिए मिलता है , कुल 25000 रुपये

नोट – किसान को इस योजना का लाभ लेने के लिए  पहले फॉर्म भरकर कृषि विभाग के अधिकारियों को देना होता है फिर जब उसका फॉर्म पास हो जाता है फिर पंजीकृत बोर खनन डीलर के पास से बोर खनन कराकर उसका बिल और मोटर फिट कराकर दोनों का बिल कृषि विभाग में प्रस्तुत करना होता है , फिर इसमें सब्सिडी का पैसा DBT के माध्यम से किसान के खाते में कुछ दिनों में आ जाता है ।