धान का उन्नत बीज बनाना
परिचय
माई बाली का मतलब धान की बीच वाली बाली। आमतौर पर पहले अधिकांश किसान भाई अपने ही खेत के धान का कुछ बीज मींजाई करने के बाद अगले साल बोने के लिए रख लेते थे, ताकि अगले साल उनको बाहर से बीज खरीदना ना पड़े। इसी बीज को अगले साल खेत में बोने के लिए उपयोग करतें थे ।इस बीज में करगा धान का बीज भी शामिल होतें हैं।यह धान का प्रमुख समस्या है।
यह प्राचीन समय से चलते हुए आ रही विधि है। आज भी बहुत से किसान भाई अपने ही खेत का बीज अगले साल के लिए रखतें हैं, इसे ही देशी बीज कहते हैं । जैसे – स्वर्ण , स्वर्ण सब -1, MTU- 1010, MTU- 1001. महामाया, राजेश्वरी, HMT, श्री राम धान इत्यादि।
लेकिन वर्तमान में बहुत सारे हाइब्रिड एवं उन्नत किस्मों के बीज बाजार में मिल जाता है, जो देशी धान के बीज से अधिक पैदावार देता है। इसलिए किसान आजकल देशी बीज के जगह इन किस्मों को लगाना ज्यादा पसंद कर रहें हैं।
उन्नत बीज का मतलब (Improved Varieties)
उन्नत मतलब बेहतर। सरल शब्दों में कहें तो उन सभी किस्मों को उन्नत कहेंगे जो देशी बीज से ज्यादा पैदावार देता हो, किसी विशिष्ट गुण वाले हो जैसे किट रोग प्रतिरोधक इत्यादि।
उन्नत किस्म भी देशी किस्मों से ही किसी विशेष विधि से तैयार किया गया होता है। जो उनसे बेहतर होता है। उन्ही में से एक विधि के बारे में नीचे बताया गया है, जिसके मध्यम से आप अपने लिए बहुत अच्छा गुण युक्त अधिक पैदावार देने वाले उन्नत बीज अपने ही देशी बीज के फसल से तैयार कर सकतें हैं। जिससे अगले वर्ष आपका बीज का पैसा भी बचेगा साथ में पैदावार भी अच्छा होगा। यह विधि सिर्फ देशी किस्मों के लिए है, हाइब्रिड धान के लिए काम शायद करेगा।
उन्नत बीज तैयार करने का विधि
धान जब पक गया हो और कटाई करने के लायक हो गया हो तब हमे उसका माई बाली को हसिया से काट कर एकत्रित कर लेना चाहिए। माई बाली का मतलब धान का पौधे के बीच वाले 3 -4 तने जो स्वस्थ और मोटे हो।
आमतौर पर एक धान के पौधे में 5 से लेकर 25-30 या इससे अधिक तक कन्से होतें हैं। कुछ कन्से धान के नर्सरी अवस्था में (बुवाई के 21 दिन के अंदर) ही निकल गए होतें है, और कुछ उसके बाद निकलते हैं। जो कन्से शुरू में निकलते हैं, यह धान के मुख्य पौधे के साथ- साथ ही बढ़ता है। वह बाद में निकले कंसो से ज्यादा स्वस्थ होते हैं, उसकी बाली भी बड़ी होती है। इस लिए इनका चयन हम बीज के रूप में कर सकतें हैं।
वैसे ही बाद वाले कन्से का बीज थोड़ा कमजोर हो सकता है, इसलिए इनका चयन बीज के लिए नहीं करना चाहिए। चूंकि एक साथ धान के मिजाई करने के बाद उसी में से कुछ मात्रा में धान को बीज के लिए रखने पर बाद वाले कन्से का भी बीज उसमे शामिल होता है। जो बीज का गुणवत्ता कम कर सकता है।
चूंकि बाजार में जो बहुत से उन्नत किस्म के बीज मिलता है, उसकी वास्तविक गुणवत्ता हमको नहीं पता होता, सिर्फ भरोसे में उसको लेते हैं। लेकिन आप इस विधि से जो बीज बनाएंगे उसकी गुणवत्ता 100 % सही और उच्च होगी।
सावधानियाँ
रोगग्रस्त या किट से प्रभावित पौधे से बाली का चयन नहीं करना चाहिए। भले ही मई बाली स्वस्थ हो।
जिन बालियों का साइज़ लंबी, ज्यादा दाने वाली हो का चयन करना चाहिए। छोटी साइज़ वाली बाली का चयन नहीं करना चाहिए, भले ही वह माई बाली हो।
अगर कन्से की संख्या 10 तक हो तो उसमें से 2-3 बाली और अगर 20 से ऊपर कन्से हो तो 4-6 बाली एक पौधे से चयन कर सकतें हैं।
चयनित बीज को 12 % नमी तक सूखा कर सुरक्षित जुट के बोरी में भंडारण कर लेना चाहिए।
अगले वर्ष इस बीज को भी बोने से पहले 170 ग्राम नमक (17%) प्रति लिटर पानी से उपचारित करके खराब बीज निकाल लेना चाहिए। फिर इस उपचारित स्वस्थ बीज को साफ पानी से धो लेना चाहिए ताकि बीज पर से नमक धूल जाए।
फिर इस बीज में 2 ग्राम बविस्टीन या साफ पाउडर मिलाकर उपचारित करके बोना चाहिए।
यह विधि हाइब्रिड धान के लिए नहीं है। सिर्फ देशी किस्म जैसे – स्वर्ण , स्वर्ण सब -1, MTU- 1010, MTU- 1001. महामाया, राजेश्वरी, HMT, श्री राम धान इत्यादि।
कुछ सलाह
चूंकि धान का उन्नत किस्म के बीज का रेट बाजार में (हाइब्रिड को छोड़कर) 50 रुपये से 100 रुपये तक प्रति किलो होता है। मतलब एक एकड़ में छिटकवा विधि में 30 किलो और रोपा विधि के लिए 10- 15 किलो बीज लगता है। मतलब 30 किलो बीज X 50 रुपये = 1500 रुपये का बीज प्रति एकड़ न्यूनतम लग रहा है।
जरा सोचिए अगर इससे अच्छा उन्नत भरोसेमंद बीज हमे 300 रुपये के 2 मजदूर लगा के मिल सकता है तो कितना अच्छा है। मतलब 2 मजदूर एक दिन में आराम से 80 से 100 किलो बीज या इससे अधिक धान का माई बाल काट सकतें हैं। मतलब 1 दिन में 4-5 एकड़ से अधिक के लिए बीज।