Dhan me Bhura Mahu ki Dawa
भूरा माहू धान का प्रमुख कीटों मे से एक है , जो एक रात में फसल चौपट कर देते हैं। इसका अटैक आमतौर पर पेड़ के नीचे छाया वाले स्थान के धान पर होता है, और ये फिक्स नहीं होता , कहीं भी अटैक हो जाता है।
भूरा माहू का अटैक एक गोलाई में शुरू होता है , फिर यहाँ से यह फैलने लगता है। धान में भूरा माहू पौधे के नीचे भाग में रहता है , जहां तक खेत में पानी भरा होता है जस्ट उसके ऊपर । भूरा माहू धान के चारों तरफ को छेदकर उसका रस पीता है, जिसके कारण पौधों में ऊपर पानी नहीं पहुच पाता , फलस्वरूप पूरे धान के पौधे ऊपर से नीचे तक सुख जाता है।
- ये कीट फसल के पूरे वनस्पतिक अवस्था के दौरान लगता है।
- बदली वाला एवं उमस वाला मौसम इस कीट के लिए अनुकूलित होता है।
- यह धान के तने एवं पत्तीयों दोनों का रस चूसता है।
Dhan me Bhura Mahu ki Dawa एवं प्रबंधन के उपाय
जैसे भूरा माहू का गुण है , वे हमेशा जहां तक पानी रहता है , उसके जस्ट ऊपर पौधों के तने में बैठे रहते हैं। इसलिए अगर पानी की कमी ना हो तो खेत की पानी खाली कर देना चाहिए , जिससे माहू पानी के साथ साथ नीचे आने लगते हैं , और जब पानी पूरा खाली हो जाए तो पूरा माहू भी नीचे उतर आटे हैं, फिर पुनः खेत में पानी भर देना चाहिए ।
आजकल पानी की कमी बहुत बड़ी समस्या है , इस लिए खेत में और पानी भर देना चाहिए इससे भी माहू का अंडा , छोटा कीट भी डूब के मर जाएगा।
इसके रोकथाम के लिए जहां भूरा माहू का अटैक हुआ है , वहीं पर लक्षण दिखते ही 2 मीटर अतिरिक्त गोलाई में निम्न लिखित Systemic Insecticides दवाईयों में से कोई एक का तुरंत छिड़काव करना चाहिए, और अगर ज्यादा मात्रा में कीट का प्रकोप हो गया हो तो पूरे खेत में 12 – 15 स्प्रैयर किटनाशक का छिड़काव करना चाहिए। जिससे दवाई पूरे पौधों में ऊपर से नीचे तक फैल जाए।
किटनाशक में चिपको मिलाकर ही छिड़काव करें। चिपको मिलाने से किटनाशक दवाई अच्छी तरह पौधों में फैलता है।
- पाईमेट्रोजीन 50 WP – 150 ग्राम प्रति एकड़ अथवा
- बुपरोफेजिन 25 % EC – 320 -350 ml प्रति एकड़ अथवा
- इमीडाक्लोरप्रीड 200 SL- 50 ml प्रति एकड़ अथवा
- थाईमेथोकजेम 25 WP – 50-60 ग्राम प्रति एकड़ अथवा
- इथेफेनपरोक्स 10 EC – 250 ml प्रति एकड़ अथवा
- एसीफेट 75 WP – 400-500 ग्राम प्रति एकड़ अथवा
- फेनुबोकार्ब (BPMC) 50 EC – 250-300 ml प्रति एकड़
ऊपरोक्त सभी दवाई भूरा माहू के लिए उपयोग किया जाता है / प्रभावशाली है। कोई भी एक दवाई जो उपलब्ध हो चयन कर छिड़काव करें। अगर नियंत्रण नहीं हो तो ऊपरोक्त में से कोई दूसरी दवा का उपयोग करें। एक ही दवा बार बार उपयोग करने से प्रतिरोधक क्षमता आ जाता है , फिर वह दवा काम नहीं करता ।
भूरा माहू के लिए विशेष सावधानी
- यूरिया का छिड़काव रोक दें ।
- पोटाश का 10-15 किलो अतिरिक्त मात्रा डालना चाहिए।
- भूरा माहू पर कभी भी क्लोरोपायरीफास किटनाशक, क्विनालफास , मेथाइल पैराथियान, Permethrin, Bifenthrin and Fenvalerate आदि का छिड़काव नहीं करना चाहिए। यह किटनाशक भूरा माहू का पुनर्जीवन के लिए उत्तरदायी होते हैं, मतलब फिर से आ जाते हैं।