छत्तीसगढ़ 2024 खरीफ में समर्थन मूल्य पर धान पंजीयन एवं रकबा संसोधन का सम्पूर्ण नियमावली
परिचय: इस लेख में हम आपको इस साल खरीफ 2024 में नया धान पंजीयन या रकबा संसोधन के बारे में बताएंगे । हर वर्ष कुछ ना कुछ नया नियम आता है, जिसको हम सभी किसानों को जानना बहुत जरूरी होता है। धान बोने के बाद अधिकतर किसानों के मन में निम्न सवाल जरूर होता है। इन सभी सवालों का जवाब हम नीचे दे रहें हैं, जो बहुत ही काम की जानकारी है। पिछले वर्ष से कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत राज्य में धान खरीदी की जा रही है। इसके पहले राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान खरीदी की जाती थी। इसका ऑफिसियल वेबसाईट – https://kisan.cg.nic.in/ है।
Dhan panjiyan form 2024 Download
धान पंजीयन नॉमिनी फॉर्म 2024 डाउनलोड
इस फॉर्म में 4 अलग-अलग फॉर्म है जैसे- प्रपत्र-1 नया धान पंजीयन के लिए, प्रपत्र-2 रकबा संसोधन के लिए, प्रपत्र-3 आधार या बैंक खाता में संसोधन के लिए एवं प्रपत्र- 4 वारिसान पंजीयन के लिए फॉर्म ।
इस साल शासन कितने में धान खरीदेगी ?
उत्तर: पिछले वर्ष 2023-24 के जैसे ही 3100 रुपये प्रति क्विंटल में खरीदेगी। धान बेचते ही समर्थन मूल्य की राशि दे दी जाएगी और अंतर की राशि पिछले वर्ष जैसे धान खरीदी समाप्त होने के बाद एकमुश्त दी जाएगी। हालांकि भुगतान कब और कैसे होगी अभी इसका ऑफिसियल घोषणा नहीं हुई है। इस साल खरीफ 2024-25 के लिए सामान्य धान का MSP 2300 रुपये एवं A ग्रैड धान (पतला और सुगंधित) के लिए 2320 रुपये है। जबकि पिछले साल सामान्य धान का MSP 2183 रुपये एवं A ग्रैड धान का 2203 रुपये प्रति क्विंटल था।
धान पंजीयन अंतिम तिथि
पहले 31 अक्टूबर 2024 था, लेकिन अभी 19 नवम्बर से 25 नवंबर तक के लिए धान पंजीयन पोर्टल दोबारा खोला गया था। अगर अंतिम तिथि के बाद भी किसी का खाता या रकबा संसोधन है तो तहसील कार्यालय से संसोधन हो सकता है।
धान खरीदी की अंतिम तारीख क्या है?
इस वर्ष खरीफ 2024 में धान खरीदी 14 नवंबर से शुरू होकर 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। अगर किसी कारणवश धान खरीदी में कोई अड़चन जैसे- बेमौसम बारिश आदि आ जाती है और पूर्ण खरीदी नहीं हो पाती है, तो इस स्थिति में 2-4 दिन और खरीदी का डेट बढ़ाया जाता है, ताकि सभी किसानों का पूर्ण धान खरीदी हो सके।
समिति में धान को कितना किलो तौलना होता है?
नियम 40 किलो धान और जुट बारदाने का 700 ग्राम या प्लास्टिक बारदाना है तो 200-300 ग्राम जोड़ कर लेने का होता है। किसानों से 40 किलो शुद्ध धान से अधिक लेने का नियम नहीं होता है। मतलब अगर जुट बरदाने में खरीदी हो रही है तो 40.700 KG और अगर प्लास्टिक बरदाने में खरीदी हो रही है तो 40.300 KG धान तौलना होता है। धान का समय में उठाव नहीं होने से धान सूखता है और समिति में धान का शॉर्टिज हो जाता है, इसलिए 200-300 ग्राम प्रति बोरी अतिरिक्त धान किसानों से तौला जाता है। लेकिन ऐसा कोई नियम नहीं है।
इस साल शासन प्रति एकड़ कितने क्विंटल धान खरीदेगी ?
उत्तर: पिछले वर्ष 2023-24 के जैसे ही इस साल भी 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान 3100 रुपये प्रति क्विंटल में धान खरीदी होगी।
एक बार में कितना भुगतान हो रहा है?
इस साल भी पिछले वर्ष के जैसे 3100 रुपये प्रति क्विंटल में धान खरीदी हो रही है। लेकिन धान बेंचने के तुरंत बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुरूप मोटा धान का 2300 रुपये प्रति क्विंटल और पतला धान का 2320 रुपया प्रति क्विंटल तुरंत भुगतान हो रहा है। शेष अंतर की राशि किसान उन्नति योजना के अंतर्गत धान खरीदी सम्पन्न होने के बाद किया जाना है।
नया धान पंजीयन कैसे कराएं?
उत्तर: नया धान पंजीयन के लिए ऊपरोक्त फॉर्म में से प्रपत्र1 को डाउनलोड करके या इस फॉर्म को कोई भी कंप्युटर दुकान से भी ले सकतें हैं। पिछले वर्ष भी यही फॉर्म था, कोई बदलाव नहीं हुआ है। फॉर्म के साथ जमीन का बी-1 , पी-2 (फसल विवरण), आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति, 1 पासपोर्ट साइज़ फोटो, जमीन में एक से अधिक सदस्यों का नाम होने पर सहमति पत्र (नोटरी), नॉमिनी का आधार कार्ड इत्यादि को फॉर्म में संलग्न करके अपने सहकारी समिति में जमा करना है। वहाँ से इसे अनलाईन एंट्री किया जाएगा।
कृषि अधिकारी के पास दस्तखत के लिए जाने का आवश्यकता नहीं है। आप सीधे ही समिति में फॉर्म जमा कर सकतें हैं। समिति द्वारा फॉर्म अनलाईन करने के बाद कृषि अधिकारी द्वारा अपने आइडी से उनके द्वारा भरा गया अनलाईन फॉर्म और आपके द्वारा जमा किया फॉर्म को चेक करके verify करना होता है।
पिछले साल जिस बैंक खाते में धान बेचे थे, उसके जगह दुसरे बैंक खाता कैसे बदलें?
उत्तर: इसके लिए आपको खाता संसोधन का फॉर्म भरना है, जो ऊपर दिया गया है। फॉर्म के साथ किसान को अपना आधार कार्ड और बैंक पासबुक की फोटोकॉपी लगाना है। फॉर्म में बी -1 , पी -2 लगाना अनिवार्य नहीं होता है। इस फॉर्म को अपने कृषि अधिकारी के पास जमा करना है। कृषि अधिकारी अपने आइडी से आपका खाता साँसोध का रीक्वेस्ट अपने वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को अनलाईन भेजेंगे और अपना हस्ताक्षर करके फॉर्म ऑफिस में जमा करेंगे। उसके बाद खाता संसोधन की कार्यवाही वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के आइडी से किया जाता है।
धान का रकबा बढ़ने या कम होने पर धान पंजीयन में कैसे जोड़वाएं या घटवाएं?
उत्तर: सबसे पहले पटवारियों के पास जाकर गिरदवारी में अपने खेत में फसल लिखवाएं , उसके बाद रकबा संसोधन का प्रपत्र-2 फॉर्म भरना पड़ेगा। इसमें भी बी- 1 , पी-2 फसल विवरण, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति लगाना होता है। इसे अपने सहकारी समिति में जमा करना होता है।
भाई-भाई में बंटवारा होने पर क्या दोनों भाई को धान पंजीयन में संसोधन फॉर्म भरना पड़ेगा या सिर्फ एक को भरना पड़ेगा?
उत्तर: दोनों को फॉर्म भरना पड़ेगा, क्योंकि दोनों का रकबा बदला है। अगर दोनों भाइयों में से 1 पहले से बेच रहा था होगा तो उनको रकबा संसोधन का फॉर्म भरना है और अगर जिस भाई को पहले बार जमीन मिला है, वह नया पंजीयन का फॉर्म भरेगा।
पिछले साल जो भररी जमीन था, उसमें इस साल धान बोएँ हैं तो क्या करें?
उत्तर: सबसे पहले पटवारी के पास जाकर गिरदवारी में अपने पड़ती/भररी जमीन में इस साल जितना रकबा में धान बोया गया है, उसको चढ़वाना चाहिए। फिर रकबा संसोधन का प्रपत्र- 2 भरकर अपने सहकारी समिति में जमा करना पड़ेगा।
पिछले साल जमीन माता/पिता के नाम से था, लेकिन फौती उठवाकर इस साल जमीन स्वयं के नाम में आ गया हो तो नया धान पंजीयन कैसे कराएं ?
उत्तर: प्रपत्र -1 भरकर सहकारी समिति में फॉर्म जमा करना है। क्या-क्या दस्तावेज लगेगा नया पंजीयन कैसे कराएं वाले जानकारी में ऊपर लिखा हुआ है।
2 भाई थे, लेकिन जमीन बड़े भाई के नाम में था, हिस्सेदारी में छोटा भाई का भी नाम था, लेकिन बड़े भाई का अचानक मृत्यु हो जाने और फौती उठवाने पर जमीन बड़े भाई के बड़े बेटे के नाम से आ गया हो, लेकिन धान स्वयं के नाम में बेचना चाहते हैं तो क्या करें?
उत्तर: नया पंजीयन का फॉर्म भराएगा, लेकिन जमीन में जीतने लोगों का नाम है, उनके नाम से अपने नाम का एक स्टाम्प पेपर में सहमति बना कर फॉर्म के साथ लगाना होता है, ताकि बाद में कोई विवाद की स्थिति निर्मित ना हो और धान बेच सकतें हैं। ऐसा बहुत किसान धान बेचते ही हैं।
धान पंजीयन का समय खत्म हो गया हो और धान खरीदी शुरू हो गई हो। इसी बीच जमीन धारक का आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो कैसे धान बेचें?
उत्तर: अगर धान पंजीयन पिछले साल का हुआ होगा तो तहसीलदार के पास जाकर अनुमति लेना होता है, उस प्राप्त अनुमति के आधार पर जो नॉमिनी रहेगा, उसे धान बेचने की अनुमति दी जाती है। लेकिन अगर पहले से धान खरीदी में कोई पंजीयन नहीं है, तो थोड़ी मुस्किल हो सकती है। क्योंकि 1 समय के बाद तहसीलदार की भी आइडी बंद हो जाती है। जिसके कारण कोई भी प्रकार के पंजीयन नहीं हो पाता ।
संस्थागत/लीज/डुबान/बटाईदार/रेगहा वाले किसान धान बेचने के लिए क्या करें?
उत्तर: इनका पंजीयन अनलाईन तहसील मॉडुल मतलब तहसीलदार के द्वारा किया जाना है। ऐसे किसानों को तहसीलदार के पास अपना आवेदन प्रस्तुत करना होता है।
जमीन अलग-अलग गाँव में है, लेकिन 1 ही जगह मतलब एक ही धान खरीदी केंद्र में धान बेचना चाहतें हैं तो क्या करें?
उत्तर: रकबा संसोधन का फॉर्म भरना पड़ता है, जहां-जहां जमीन है, वहाँ का बी -1 और पी -2 लगाना होता है। फिर सभी अलग-अलग गाँव के जमीन का 1 ही जगह धान बेच सकतें हैं।
जिसके नाम से जमीन है लेकिन वह धान बेचने नहीं जा सकते हैं तो क्या करें?
उत्तर: अपने लिए नॉमिनी का फॉर्म भरकर समिति में जमा करा दें और उसका नॉमिनी जाकर उनके जगह धान बेच सकतें हैं। ऐसे ही बैंक से पैसा निकालने के लिए भी नॉमिनी बना कर पैसा जमा एवं निकासी किया जा सकता है।
नॉमिनी में लोग किसका-किसका नाम जोड़वा सकतें हैं।
उत्तर: नॉमिनी में आप अपने कोई भी रिस्तेदार जैसे- भाई-बहन, बेटा-बेटी, माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, चाचा-चाची, मामा-मामी इत्यादि। नॉमिनी आप किसी को भी बना सकतें हैं, इसके लिए आपका एकदम करीबी रिस्ता होना जरूरी नहीं है।
क्या इस साल भी नॉमिनी फॉर्म भरना है?
उत्तर: हाँ। जो अपने पिछले साल का नॉमिनी बदलना चाहतें हैं या जो धान बेचने के लिए पहली बार पंजीयन कराना चाहतें हैं, उनको फॉर्म भरना है।
नया धान पंजीयन और संसोधन के फॉर्म में ही नॉमिनी भरने का विकल्प होता है –
धान पंजीयन कैरी फारवर्ड या रकबा संसोधन फार्म-2 (2)
सहकारी समिति में नया धान पंजीयन का फॉर्म भरने की अंतिम तिथि क्या है?
उत्तर: छतीसगढ़ राज्य में नया धान पंजीयन या संसोधन का फॉर्म भरने का अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2024 था, अभी 19-25 नवंबर तक के लिए दोबारा पंजीयन पोर्टल खोला गया है । 14 नवंबर 2024 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू चुकी है। पिछले साल 1 नवंबर से धान खरीदी आरंभ हुई थी।
अगर गिरदावरी सही होने के बाद भी कम रकबे का धान पंजीयन हो जाए तो क्या करें?
उत्तर: इसके लिए आप पहले अपने पटवारी को सूचना दीजिए, अगर उनका आइडी लॉक हो गया हो तो आपको तहसीलदार के पास जाकर आवेदन करना पड़ेगा, फिर संसोधन हो जाता है।
अगर गिरदावरी में फसल लिखना छूट गया हो या कम लिखा गया हो तो क्या करें?
उत्तर: इसके लिए भी पहले अपने पटवारी से मिलना चाहिए, गलती से ऐसा हो जाना आम बात है। अगर उनका आइडी लॉक हो गया हो तो तहसीलदार अपने आइडी से यह आवश्यक सुधार कर सकतें हैं।
धान पंजीयन से पहले जमीन धारक का मृत्यु हो जाए और किसी कारण से फ़ौती ना उठा पाएं, तो धान कैसे बेच पाएंगे?
उत्तर: तहसीलदार से अनुमति प्राप्त कर, जो उनके वारिसान होंगे, वे धान बेच सकतें हैं। इसके लिए वारिसान वाला फॉर्म भरकर तहसीलदार के पास जमा करना होता है। इससे तहसीलदार द्वारा जो पात्र वारिस होतें हैं, उनको धान बेचने के लिए अनुमति दिया जाता है।
अगर कोई किसान धान के अलावा अन्य फसल बोएं हैं तो क्या उसे भी समर्थन मूल्य में छत्तीसगढ़ शासन खरीदेगी?
उत्तर: हाँ , लेकिन कुछ ही फसल जैसे – मक्का, कोदो, कुटकी एवं रागी को। इसका पंजीयन भी अनलाईन कराना होगा। फॉर्म भरकर अपने सहकारी समिति में जमा करना होगा।
अगर किसी से जमीन खरीदें हैं तो उस जमीन का धान पंजीयन कैसे कराएं?
उत्तर: अगर आप किसी से इस साल कृषि जमीन खरीदें हैं और उसमें धान लगा है, एवं आप उसका धान पंजीयन अपने नाम से कराना चाहतें हैं तो सबसे पहले तहसीलदार के पास जाकर, उस जमीन को धान पंजीयन से उस किसान के नाम से हंटवाना पड़ेगा, क्योंकि पिछले साल वह किसान उसमें धान बेचा रहा होगा। उसके नाम से वह जमीन या खसरा नंबर धान पंजीयन से हंटने के बाद आप नया पंजीयन या रकबा संसोधन के लिए उस जमीन का बी 1, फसल विवरण के साथ फॉर्म अपने सहकारी समिति में जमा कर पाएंगे। इस तरह उस जमीन में आप इस साल धान बेंच पाएंगे।
अगर धान पंजीयन में किसी किसान का नाम, पता या आधार नंबर गलत दिखा रहा हो तो कैसे सुधार कराएं ?
उत्तर: इसके लिए आपको व्यक्तिगत संसोधन के लिए प्रपत्र-3 आधार या बैंक खाता में संसोधन वाला फॉर्म भरकर अपने विकासखण्ड के कृषि विभाग या अपने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क करना चाहिए। फॉर्म के साथ आधार कार्ड का छायाप्रति, जमीन का बी 1 और बैंक पासबुक का छायाप्रति लगाना चाहिए। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अपने आइडी से आपका व्यक्तिगत संसोधन के लिए अपने वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को request किया जाता है, फिर आपके फॉर्म में अपना साइन करके कार्यालय में फॉर्म जमा किया जाता है। इसके बाद व्यक्तिगत जानकारी में संसोधन रिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा अपने आइडी से किया जाता है।
जो किसान पिछले साल जितना धान बेचे थे, इस साल भी उतना ही बेचेंगे, रकबा कम ज्यादा नहीं हुआ है, सब ठीक है तो क्या उनको भी कोई फॉर्म भरना है?
उत्तर: उनको कुछ नहीं करना है क्योंकि उनका पिछले साल जैसा ही पंजीयन अग्रेषित इस साल पुनः समिति के द्वारा कर दिया जाता है। इसे केरीफॉरवर्ड कहतें हैं। लेकिन अगर कोई किसान अपना नॉमिनी बदलना चाहतें हैं तो वह बदल सकतें हैं।
धान पंजीयन के लिए या रकबा संसोधन के लिए शपथ पत्र नोटरी कराना पड़ता है क्या?
उत्तर: रकबा संसोधन या व्यक्तिगत जानकारी संसोधन के लिए कोई शपथ पत्र नोटरी कराना नहीं पड़ता है। नया धान पंजीयन फॉर्म भरने के समय अगर एक से अधिक भूमि स्वामी या जमीन में 1 से अधिक लोगों के नाम होने पर सहमति पत्र स्टाम्प पेपर में नोटेरी कराकर दिया जाता है, ताकि बाद में कोई आपत्ति ना करें। लेकिन जमीन जब 1 ही के नाम में है, मतलब एकल स्वामित्व वाला जमीन है तो आपत्ति का सवाल ही पैदा नहीं होता, इसलिए शपथ पत्र देने की आवश्यकता नहीं होती है।
समर्थन मूल्य में धान बेचने के लिए जिला सहकारी बैंक का ही खाता चाहिए होता है कि किसी भी अन्य बैंक का भी खाता दिया जा सकता है?
उत्तर: जिला सहकारी बैंक का ही खाता देना पड़ता है, ऐसा बिल्कुल नहीं है। आप किसी भी बैंक के खाता में धान पंजीयन करा सकतें हैं। लेकिन जिला सहकारी बैंक का खाता होने से धान का पैसा खाता में आने में कोई रुकावट पैदा नहीं होता है, जबकि कभी-कभी अन्य बैंक का खाता होने से बोनस या समर्थन मूल्य का पैसा खाते में डलने में थोड़ा विलंब हो सकता है।
नया धान पंजीयन में कितना पैसा लगता है?
उत्तर: जब भी किसान धान बेचने के लिए सहकारी समिति में जुड़तें हैं तो सदस्यता शुल्क देना पड़ता है। धान पंजीयन का अलग से कोई शुल्क नहीं होता है। यह समिति में नाम मात्र जुडने के लिए लिया जाता है। यह किसानों को 100/- सदस्यता शुल्क लिया जाता है। लेकिन इस सदस्यता शुल्क से वह किसान सिर्फ धान बेंच सकतें है, उनको खाद-बीज-नगद पैसा नहीं दिया जाता है। अगर किसान खाद-बीज-नगद प्राप्त करने के लिए जुड़ना चाहतें हैं तो उनको किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत जुड़ना पड़ता है।
धान पंजीयन में वारिसान फॉर्म किसको भरना पड़ता है?
उत्तर: वारिसान पंजीयन तहसील कार्यालय से होता है। जिन किसानों का मृत्यु हो चुका हो और फौती नहीं उठा हो, इस कारण उस जमीन का वारिस का धान बेंचने के लिए पंजीयन किया जाता है, ताकि वह परिवार धान बेंचने से वंचित ना हो जाए। इसके लिए वारिसान फॉर्म के साथ उत्तराधिकारी का आधार कार्ड, बैंक पासबुक, बी 1, पी 2, अन्य उत्तराधिकारियों का सहमति पत्र नोटेरी के साथ तहसीलदार के पास जमा करना होता है। तहसीलदार द्वारा सभी दस्तावेजों का परीक्षण करके धान बेंचने के लिए वारिसान पंजीयन किया जाता है।
अगर लंबरदार किसान के अलावा अन्य हिस्सेदार किसान धान बेचना चाहे तो क्या करना चाहिए?
उत्तर: इसके लिए लंबरदार किसान एवं अन्य हिस्सेदार किसानों से स्टाम्प पेपर में सहमति बनवाना पड़ता है, उसके बाद आप पंजीयन करा सकतें हैं। अगर पहले बार ही उस जमीन में धान बेंचने के लिए पंजीयन करा रहें हैं तो आप सहमति बनाकर अपना फॉर्म सहकारी समिति में जमा कर सकतें हैं, लेकिन अगर पहले से ही लंबरदार धान पंजीयन है तो उनको तहसीलदार के पास जाकर पंजीयन हंटवाने आवेदन करना पड़ेगा, पुराना पंजीयन निरस्त हो जाने हो जाने के बाद नया धान पंजीयन के लिए फॉर्म सहकारी समिति में जमा किया जा सकता है।
दोबारा धान पंजीयन का मौका
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के किसानों को नया धान पंजीयन या रकबा संसोधन हेतु पुनः फॉर्म भरने का मौका दिया है। जिन किसान भाइयों का नया धान पंजीयन या रकबा संसोधन अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2024 तक किसी कारणवश नहीं हो पाया था, उन किसानों के लिए धान पंजीयन पोर्टल को 19 नवंबर से 25 नवंबर 2024 तक के लिए दोबारा खोला गया है। लेकिन यह पंजीयन सहकारी समिति में नहीं होगा, इसके लिए तहसील कार्यालय में जाकर आवेदन प्रस्तुत करना पड़ेगा।
अगर टोकन कटने या धान बेचने के बाद पता चले ही बैंक खाता नंबर गलत है, तो क्या करें?
अगर धान बिक्री में किसी किसान भाई का बैंक खाता नंबर गलत दिखा रहा हो, तो गलती से भी ऑनलाइन टोकन या धान खरीदी केंद्र से टोकन नहीं कटवाएं, क्योंकि एक बार टोकन जारी होने के बाद किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं होता है। अगर किसी किसान भाई को पता चले कि उसका बैंक खाता नंबर गलत है, तो कृपया मुझे फोन कर लेंगे और संशोधन कराकर ही टोकन कटवाएं, नहीं तो धान का पैसा भुगतान नहीं हो पाता है, किसानों को समस्या हो सकता है।
धान खरीदी में कौन सा खाता नंबर डला है, यह आप अपने धान खरीदी केंद्र जाकर देख सकते हैं या ऑनलाइन अपने मोबाइल से टोकन तोहर हाथ मोबाइल ऐप से आसानी से देख सकते हैं।
यह स्क्रीनशॉट टोकन तोहर हाथ मोबाइल एप्लीकेशन का है, जिसमें खाता नंबर, IFSC code, बैक का नाम, किसान का नाम आदि सभी दिखता है।
मै नीचे इस ऐप का लिंक भी दे रहा हूं। इसमें आप आपके किसान कोड और उसमें लिंक मोबाइल नंबर डालकर खोल सकतें हैं।
अगर किसी किसान का खाता नंबर गलत है और टोकन जारी नहीं हुआ है तो यह कृषि विभाग के कृषि विस्तार अधिकारियों के आइडी से सुधारता है। लेकिन अगर किसी किसान का खाता नंबर गलत हो और वह किसान धान बेच लें या टोकन जारी करा लें तो यह तुरंत संसोधन नहीं होता है। कुछ दिनों के बाद सहकारी समिति के आइडी में त्रुटि वाले किसानों का नाम दिखता है, उसके बाद सहकारी समिति के आइडी से खाता संसोधन हो पाता है। संसोधन के बाद ही धान बिक्री का पूरा पैसा किसान के वास्तविक खाता में भुगतान हो पाता है।
अगर आपको धान बेचे हुए 15 दिनों से अधिक समय हो चुका हो और भुगतान नहीं हुआ हो तो अपना खाता नंबर जरूर चेक कराएं। जैसे ही किसानों को गलत खाता की जानकारी हो, तुरंत कृषि विभाग एवं सहकारी समिति के अधिकारियों को सूचना देना चाहिए, ताकि उनके द्वारा आवश्यक कार्यवाही समय में किया जा सके।
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.nic.kisaan
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जब तक रेजिस्ट्री नहीं होता, जमीन आपके नाम में नहीं आएगा, उस जमीन में आप अपने नाम से धान नहीं बेच सकते, लेकिन अधिया, बटाईदार के रूप में अपना धान पंजीयन उस जमीन में कराकर आप अपने नाम से धान बेच सकतें हैं। ऐसा नियम है। ऐसा पंजीयन तहसीलदार के आइडी से होता है। लेकिन स्टाम्प पेपर में अधिया/बटाईदार वाला नोटेरी शपथ पत्र बनवाना पड़ता है।