डिजिटल फसल सर्वे (Digital Crop Survey CG)
डिजिटल फसल सर्वे करने के लिए गाँव के युवाओं को चयन किया जाएगा
इस सर्वे कार्य को गाँव के युवाओं के माध्यम से कराया जाना है, इस हेतु गाँव के अधिकतम 20 युवाओं को चयन करना है। इनकी संख्या गाँव कितनी बड़ी है, उसके हिसाब से 20 से कम या पूरा 20 युवा रख सकतें हैं। सभी चयनित युवाओं को सर्वे का प्रशिक्षण दिया जाएगा, उसके बाद सभी का आइडी बनाया जाएगा। इस आइडी पासवॉर्ड का उपयोग करके अपने मोबाईल से गाँव के सभी खसरा में जा जाकर सर्वे करना है।
प्रत्येक खसरा का अलग-अलग सर्वे करना है, भले ही एक से अधिक खसरा एक ही किसान का ही क्यों ना हो। हालांकि स्वयं किसान भी अपने खेत का सर्वे कर सकतें हैं, लेकिन इसके बदले में उनको कोई मानदेय शासन द्वारा नहीं दिया जाएगा।
चयनित युवाओं को प्रति खसरा पुरी तरह सर्वे करने पर 10 रुपये प्रति सर्वे दिया जाएगा। अब कौन सा युवा कितना कमाएगा, यह उनके मेहनत और तकनीकी जानकारी पर निर्भर करता है। जरा सोचिए एक गाँव में बटा और घर का खसरा सभी मिलाकर 2000-4000 या उससे भी अधिक खसरा होता है। अगर हम average में 3000 खसरा मान कर बात करें तो 4000 X10 रुपये =40000 रुपये होता है। अब गाँव से अगर 5 युवा ही इसे मिलकर अच्छे से कर दें तो 40000 में से अधिकतम पैसा इन 5 युवाओं को ही मिलेगा।
अगर डिजिटल क्रॉप सर्वे में युवाओं का चयन का बात करें तो इसके लिए कम से कम 10 वीं पास होना आवश्यक है। लेकिन जो 12 वीं विज्ञान से पास किये होंगे या अच्छी पढ़ाई किये होंगे उनको चयन में प्राथमिकता दिया जाना है। इसके लिए कम से कम 18 वर्ष की आयु पूर्ण हो गया होना चाहिए।
अभी यह सर्वे का कार्य छत्तीसगढ़ के 3 जिलों महासमुंद, कावर्धा और धमतरी में चल रहा है, लेकिन अन्य जिलों में भी पटवारियों से तहसीलदार द्वारा प्रत्येक गाँव से 10-10 युवाओं को चयन कर लिस्ट मांगा जा रहा है। इसलिए जो युवा इसमें कार्य करना चाहतें हैं अभी से पटवारी या अपने गाँव के कोटवार से संपर्क करके अपना नाम लिखा सकतें हैं।
ऐसा संभावना है की साल में 2-3 बार फसल सर्वे हो , क्योंकि साल में तीन फसल खरीफ, रबी और जायद में लगाया जाता है। मतलब जून – अक्टूबर , अक्टूबर-मार्च और मार्च -मई में फसल बोया जाता है।
आने वाला समय इस तरह के टेक्नॉलजी का ही रहेगा, इसलिए गाँव के युवाओं को जरूर इसमें भाग लेना चाहिए। किसानों के लिए 2 विभाग सबसे ज्यादा महत्वपुर्ण है, कृषि और राजस्व विभाग।