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CG: उन्नत मादा वत्स पालन योजना – पशुपालकों के लिए मददगार

उन्नत मादा वत्स पालन योजना (गाय का बछड़ा पालन योजना)

योजना का उद्देश्य :-

1. गौवंशीय पशुओं का नस्ल सुधार एवं कुपोषण से बचाव ।

2. पशु पालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार ।

3. बछिया के उचित संगोपन हेतु संतुलित आहार उपलब्ध कराकर गरीब हितग्राहियों में उन्नत मादा वत्स पालन को अभिरुचि पैदा करना ।

4. वत्स मृत्यु दर में कमी लाना ।

1. योजना का स्वरुप कार्यक्षेत्र प्रणाली – 

1. इस योजना में सभी वर्गों के ऐसे लघु कृषक/सीमांत कृषक तथा प्रणाली खेतीहर मजदूरों का चयन किया जाता है जिनके पास कृत्रिम गर्भाधान से उत्पन्न स्वयं की उन्नत बछिया उपलब्ध है ।

2. बछिया के भरण-पोषण हेतु 4 से 24 माह की आयु तक 13 क्विं. पशु आहार प्रदाय किया जाता है ।

2. इकाई लागत- 

1. कुल पशु आहार 13 क्विंटल, संचालक/मार्कफेड द्वारा अनुमोदित दर पर ।
2. पशु आहार की दर राशि रु. 1500 प्रति क्विंटल कुल रु. राशि 19500 रु. ।

3. अनुदान

1. सामान्य वर्ग अधिकतम – रु.15000 हजार या 75 प्रतिशत जो भी कम हो ।
2. अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग
अधिकतक रु. 18000 या 90% जो भी कम हो ।

4. प्रदाय एजेंसी का निर्धारण- 

मार्कफेड/संचालक की अनुमोदित दर पर खाद्यान्न/आहार का क्रय किया जाता है ।

एस्काड योजना- केन्द्रीय प्रवर्तत योजना-पशु रोग नियंत्रण (50:50) कार्यक्रम

1. उद्देश्य- 

1. पशु पक्षियों में होने वाली विभिन्न संक्रामक बीमारियों जैसे – मुंह पका, खुरपका, गलघोंट, एक टंगिया, एन्थ्रेस, बुसेलोसिस, पी.पी.आर. एन्ट्रोटाक्सिमिया, रानीखेत, फाउलपाक्स, मेरेक्स, गंबोरो आदि के विरुद्ध निःशुल्क रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण कार्य ।
2. एस्काड योजना अंतर्गत जिला एवं विकासखंड स्तर में पशु रोग नियंत्रण हेतु निःशुल्क जागरुकता एवं पशु स्वास्थ्य शिविर आयोजन ।
3. पशु रोग नियंत्रण हेतु रोग अनुसंधान प्रयोग शालाओं का उन्नयन/ सुदृढ़ीकरण ।
4. पशु रोग नियंत्रण विषय पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन वेट्स एवं पैरावेट्स प्रशिक्षण ।

2. योजना का क्षेत्र- संपूर्ण प्रदेश

3. लाभान्वित हितग्राही- संपूर्ण प्रदेश

4. संपर्क स्थल- छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी पशु चिकित्सा संस्थाएं ।

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