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जानिए हर्बल गुलाल कैसे बनतें हैं: एक अच्छा व्यवसाय है (2024)

हर्बल गुलाल (Herbal Gulal)

हर्बल गुलाल मतलब बिना रसायन के बने गुलाल। चूंकि गुलाल बनाने में विभिन्न रसायनों का उपयोग किया जाता है, जिसमें से अधिकांश रसायन हमारे त्वचा और आँखों के लिए हानिकारक होता है। कई बार गुलाल के कारण से तुरंत ऐलर्जी हो जाता है। अगर हम बिना रसायन के बने गुलाल का उपयोग करेंगे तो इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा। हर कोई इसका उपयोग कर सकेंगे। हर्बल गुलाल बनाने के लिए विभिन्न पौधों या उनके फूलों, पत्तीयों का उपयोग किया जाता है।

गुलाल का उपयोग 

होली त्योहार मतलब रंगों का त्योहार। इस त्योहार में रंग गुलाल लगाना मुख्य रीति है। इसके अलावा गुलाल का उपयोग हमारे हिन्दू सभ्यता में विभिन्न दुख या सुख या सामान्य कार्यक्रमों में अनिवार्य रूप से किया जाता है। सिर्फ होली त्योहार में हर हिन्दू परिवार वाले घरों में कम से कम 1 किलो गुलाल जरूर लिया जाता है। इसके अलावा साल भर गुलाल का उपयोग होता रहता है।

महिला समूहों के द्वारा तैयार किया गया हर्बल गुलाल।

महिला समूहों के द्वारा तैयार किया गया हर्बल गुलाल।

हर्बल रंग के लिए आवश्यक सामग्री 

  • पीला रंग: हल्दी पाउडर, बेसन, अरारोट
  • गुलाबी रंग: चुकंदर, चावल का आटा या मक्के का आन्टा
  • लाल रंग: लाल चंदन पाउडर, बेसन, अरारोट
  • हरा रंग: मेहंदी के पत्ते (सूखे हुए) या जलकुंभी एवं  बेसन
  • नीला रंग: अपराजिता
  • कथथा: भूरा रंग
  • सिंदूर पौधा: लाल रंग
  • साफ कपड़ा- सुखाने के लिए
  • आप अपने अनुसार अन्य और पौधों के रंगों का उपयोग कर सकतें हैं।

अरारोट क्या है? अरारोट को गुलाल बनाने में कई कारणों से इस्तेमाल किया जाता है:

अरारोट एक प्रकार का स्टार्च या मंड है जो कुछ पौधों की कंदिल (ट्यूबरस) जड़ों से प्राप्त होता है। इसे आप amazon से online भी खरीद सकतें हैं।

  • गाढ़ापन: अरारोट गुलाल के मिश्रण को गाढ़ा बनाता है। यह गाढ़ापन गुलाल को आसानी से ढालने और उपयोग करने में मदद करता है।
  • चिकनापन: अरारोट गुलाल को चिकना बनाता है, जिससे यह त्वचा पर आसानी से फैल जाता है और किसी भी तरह की खुरदरापन पैदा नहीं करता।
  • रंगों को स्थिरता: अरारोट विभिन्न प्राकृतिक रंगों को बांधने में मदद करता है। यह रंगों को अधिक स्थिर बनाता है और उन्हें लंबे समय तक बनाए रखता है।
  • त्वचा के लिए सुरक्षित: अरारोट त्वचा के लिए सुरक्षित होता है। यह किसी भी तरह की जलन या एलर्जी का कारण नहीं बनता है।
  • प्राकृतिक: अरारोट एक प्राकृतिक उत्पाद है। इसमें कोई हानिकारक रसायन नहीं होता है, जिससे यह त्वचा के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होता है।

अरारोट क्या होता है

गुलाल में उपयोगी अरारोट (फोटो क्रेडिट: amazon.in)

गुलाल बनाने की विधि:

होली का त्योहार रंगों का त्योहार है। इस त्योहार को और भी सुरक्षित और मजेदार बनाने के लिए आप घर पर ही हर्बल गुलाल बना सकते हैं। ये गुलाल न केवल त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं बल्कि इनके रंग भी प्राकृतिक होते हैं। आइए जानते हैं कैसे बनाएं हर्बल गुलाल:

    1. बेस तैयार करें: सबसे पहले बेसन और अरारोट को बराबर मात्रा में मिला लें। यह मिश्रण सभी रंगों के लिए एक समान आधार होगा।
    2. रंग मिलाएं: अब इस बेस में अपने मनपसंद रंग के लिए चुनी गई प्राकृतिक सामग्री मिलाएं। जैसे, पीले रंग के लिए हल्दी, गुलाबी रंग के लिए चुकंदर का पाउडर आदि।
    3. अच्छी तरह मिलाएं: सभी सामग्रियों को अच्छी तरह मिला लें ताकि एक समान रंग का मिश्रण तैयार हो जाए।
    4. सूखा लें: इस मिश्रण को किसी साफ कपड़े पर फैलाकर छाया में सूखने के लिए रख दें।
    5. तैयार है आपका हर्बल गुलाल: जब मिश्रण पूरी तरह सूख जाए तो इसे किसी कंटेनर में भरकर स्टोर कर लें।

कुछ अतिरिक्त सुझाव:

  • फूलों से गुलाल: आप फूलों की पंखुड़ियों को सुखाकर पीसकर भी प्राकृतिक रंग बना सकते हैं।
  • अन्य रंग: नीले रंग के लिए नील या इंडिगो का उपयोग किया जा सकता है।
  • सुरक्षा: हर्बल गुलाल बनाने के लिए हमेशा शुद्ध और प्राकृतिक सामग्री का ही उपयोग करें।
  • मज़े करें: अपने बच्चों को भी इस प्रक्रिया में शामिल करें और उन्हें प्राकृतिक रंगों के बारे में बताएं।

गुलाल को सुरक्षित भंडारण करने के चरण:

  1. गुलाल को छान लें: गुलाल को उपयोग करने से पहले किसी महीन छन्नी से छान लें। इससे गुलाल में मौजूद किसी भी प्रकार की गंदगी या धूल हट जाएगी।
  2. कंटेनर को साफ करें: जिस कंटेनर में आप गुलाल को रखना चाहते हैं, उसे अच्छी तरह से धोकर सुखा लें।
  3. गुलाल को कंटेनर में भरें: छने हुए गुलाल को साफ कंटेनर में भरें। कंटेनर को पूरी तरह से भरें नहीं, थोड़ा सा जगह छोड़ दें ताकि गुलाल हवादार रहे।
  4. कंटेनर को बंद करें: कंटेनर को अच्छी तरह से बंद कर दें ताकि नमी अंदर न जा सके।
  5. कंटेनर को सूखे और ठंडे स्थान पर रखें: कंटेनर को किसी सूखे और ठंडे स्थान पर रखें।

गुलाल को सुरक्षित रखने के अतिरिक्त टिप्स:

  • गुलाल को कीड़ों से बचाएं: गुलाल को कीड़ों से बचाने के लिए आप कंटेनर में कुछ नीम की पत्तियां या लौंग डाल सकते हैं।
  • गुलाल को सीधे धूप से बचाएं: गुलाल को सीधे धूप से बचाएं क्योंकि धूप से गुलाल का रंग फीका पड़ सकता है।
  • गुलाल को नमी से बचाएं: गुलाल को नमी से बचाएं क्योंकि नमी से गुलाल खराब हो सकता है।

नोट: हर्बल रंगों की तुलना में सिंथेटिक रंगों की चमक अधिक होती है। इसलिए हर्बल रंग थोड़े फीके दिख सकते हैं।

अन्य विकल्प:

  • मक्के का आन्टा: आप बेबी पाउडर और कॉर्न स्टार्च को बराबर मात्रा में मिलाकर भी हर्बल गुलाल बना सकते हैं। इसमें आप प्राकृतिक रंगों को मिलाकर विभिन्न रंग प्राप्त कर सकते हैं।
  • तैयार हर्बल गुलाल: बाजार में कई कंपनियां प्राकृतिक और हर्बल गुलाल बनाती हैं। आप इन्हें भी खरीद सकते हैं।

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