किट का पहचान- इसे कटुआ (Ear Cutting Cutworm) के नाम से भी जाना जाता है। यह किट भूरा एवं हरा रंग के धारीदार चिन्ह युक्त होतें हैं। इसका मुह का रंग कथा रंग का होता है। इसका वयस्क किट भूरे रंग का होता है। दोनों धान के खेत में आसानी से दिख जातें हैं। इसका छोटा इल्ली हरे तनों को काटती है जबकि पुरानी इल्ली बालियों को काटती है।
अनुकूल मौसम – धान का यह किट वैसे तो धान के पूरे फसल अवधि में नुकसान करता है, लेकिन जब धान पक कर तैयार हो जाता है और किसान रास्ते या खराब मौसम की मजबूरी में धान की कटाई नहीं कर पाते हैं तो भी इस किट का अटैक होता है। इस किट के लिए सबसे अनुकूल बदली या हल्की बारिस वाला मौसम होता है।
नुकसान का लक्षण- यह किट धान के बालियों या बालियों के समीप चिपका हुआ होता है। यह बालियों को पूर्णतः या बालियों को छोटे- छोटे टुकड़े में काट कर गिराते जाता है, जिसके कारण किसानों को बहुत नुकसान हो जाता है, इसलिए इसका नियंत्रण करना बहुत जरूरी है। जब इस किट का ज्यादा अटैक होता है टब यह किट कटा हुआ धान, खेत के मेड एवं मींजाई हो चुका धान में भी चलते दिख जाता है।
नियंत्रण के उपाय- अपने खेत एवं अपने बगल वाले खेतों का निरक्षण करते रहना चाहिए। अगर धान कटाई के लायक हो गया है और उसी समय मौसम खराब हो जाता है टब इस किट का संभावना बढ़ जाती है। खड़ी फसल में यह प्रति पौधा 1 इल्ली दिखे और धान कटाई में थोड़ा देर है तो निम्न में से कोई भी एक दवाई का छिड़काव करना चाहिए-
1. Quinolphas 25 EC 800 ml prati Acre
2. Trizophos 40 EC 400-500 ml prati Acre
3. Emamectin Benzoate
4. Diamethoate
5. Flubendiamid 20 % wp