किसान भाइयों के लिए संतुलित उर्वरक उपयोग की संपूर्ण मार्गदर्शिका (छत्तीसगढ़ – IFFCO अनुशंसा 2024)
✅ अधिक उपज, कम लागत, और सुरक्षित मिट्टी के लिए अपनाएं यह उर्वरक तालिका
किसान भाइयों, यदि आप धान, मक्का, सोयाबीन या गन्ने की खेती कर रहे हैं और सोच रहे हैं कि कौन-सा उर्वरक, कितनी मात्रा में और किस समय देना है तो यह लेख आपके लिए है। यह जानकारी छत्तीसगढ़ कृषि विभाग एवं इफको (IFFCO) द्वारा अधिकृत की गई है और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अनुसंधान पर आधारित है।
🧪 उर्वरक संतुलन का महत्व
संतुलित उर्वरक का उपयोग केवल उपज बढ़ाने तक सीमित नहीं है, यह आपकी मिट्टी को दीर्घकालीन उपजाऊ बनाए रखता है। इस गाइड में नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटाश (K) जैसे प्रमुख पोषक तत्वों की सटीक मात्रा का उल्लेख किया गया है जो अलग-अलग फसलों और किस्मों के लिए अनुशंसित हैं।
📊 फसलवार उर्वरक मात्रा एवं विकल्प (प्रति एकड़):
सामान्य सिफारिस के अनुसार पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु रासायनिक खाद समूह एवं मात्रा प्रति एकड़ फसल के लिए 2025 | ||||||||||||||||
क्रम. | फसल | पोषक तत्वों की सिफारिश मात्रा (कि.ग्रा./एकड़) | समूह 1 | समूह 2 | समूह 3 | समूह 4 | ||||||||||
यूरिया (46%) | सुपर फास्फैट (राखर) (16%) | म्यरेट ऑफ पोटाश (60%) | डीएपी (18:46:0) | यूरिया (46%) | म्यरेट ऑफ पोटाश (60%) | एन पी के (12:32:16) | यूरिया (46%) | म्यरेट ऑफ पोटाश (60%) | कम्प्लेक्स खाद (20:20:0:13) | यूरिया (46%) | म्यरेट ऑफ पोटाश (60%) | |||||
नत्रजन | फॉसफोरस | पोटाश | ||||||||||||||
1 | धान (जल्दी पकने वाली व देशी किस्में) | 24 | 16 | 8 | 52 | 100 | 13 | 35 | 38 | 13 | 50 | 39 | 0 | 80 | 18 | 13 |
2 | धान (मध्यम किस्में 141 दिन से अधिक) | 32 | 20 | 12 | 70 | 125 | 20 | 44 | 52 | 20 | 62 | 54 | 4 | 100 | 26 | 20 |
3 | धान (मध्यम किस्में औसत 126-140 दिन) | 40 | 24 | 16 | 87 | 150 | 27 | 52 | 66 | 27 | 75 | 67 | 7 | 120 | 35 | 27 |
4 | धान (शंकर किस्में) | 52 | 32 | 24 | 113 | 200 | 40 | 70 | 86 | 40 | 100 | 86 | 13 | 160 | 44 | 40 |
5 | मक्का (लोकल किस्में) | 32 | 16 | 12 | 70 | 100 | 20 | 35 | 56 | 20 | 50 | 56 | 7 | 80 | 35 | 20 |
6 | मक्का (शंकर किस्में) | 40 | 24 | 16 | 87 | 150 | 27 | 52 | 66 | 27 | 75 | 67 | 7 | 120 | 35 | 27 |
7 | सोयाबीन/गुह्फली | 8 | 32 | 8 | 17 | 200 | 13 | 70 | 0 | 13 | 100 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
नोट: सभी आंकड़े IFFCO और कृषि विभाग द्वारा जारी अधिसूचना (स.संचा./2022/126 दिनांक 19-04-2022) के आधार पर हैं।
💡 उर्वरक उपयोग की विशेष सलाह
- उर्वरक को दो से तीन भाग में बांटकर डालें। जैसे – यूरिया की पहली खुराक बुआई के समय और दूसरी 25-30 दिन बाद।
- डीएपी और सुपर फॉस्फेट एक साथ न डालें। दोनों फॉस्फोरस स्रोत हैं, इससे असंतुलन हो सकता है।
- कम्प्लेक्स उर्वरक (20:20:0:13) का उपयोग एक विकल्प के रूप में करें, विशेषकर जब DAP या म्यूरिएट ऑफ पोटाश उपलब्ध न हो।
🧴 Nano Urea और Nano DAP का उपयोग
इफको द्वारा विकसित Nano Urea और Nano DAP की बोतलें परंपरागत उर्वरकों की तुलना में बहुत प्रभावी सिद्ध हो रही हैं:
- Nano Urea (40 ml) = 45 किलो यूरिया के बराबर
- Nano DAP (500 ml) = 50 किलो DAP के बराबर
इससे परिवहन लागत में भारी कमी और मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होती है।
📍 यह गाइड किन किसानों के लिए है?
- छत्तीसगढ़ राज्य के सभी ज़िलों के किसान
- IFFCO केंद्रों या कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) से जुड़े किसान
- जैविक और मिश्रित खेती को बढ़ावा देने वाले किसान
📢 निष्कर्ष
सही उर्वरक का सही मात्रा में और सही समय पर प्रयोग ही उन्नत खेती की कुंजी है। IFFCO और छत्तीसगढ़ कृषि विभाग की यह सिफारिशें वैज्ञानिक आधार पर तैयार की गई हैं और इनका पालन कर आप:
✅ उपज में 25% तक वृद्धि
✅ मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखना
✅ उर्वरक पर होने वाला खर्च घटा सकते हैं।
📞 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
कृषि विज्ञान केंद्र / स्थानीय कृषि विस्तार अधिकारी / इफको डीलर
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