Exchange Traded Fund (ETF)
ETF क्या है?
ETF क्या है? यह एक ऐसा प्रश्न है जो शेयर बाजार में निवेश करने वाले हर व्यक्ति के मन में आता है। यदि आप भी ETF के बारे में जानना चाहतें हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको ETF के बारे में विस्तार से बताएंगे, ताकि आप आसानी से समझ सकें कि यह क्या है और इसमें निवेश कैसे किया जाता है?
जैसे की आप जानतें हैं, शेयर बाजार में किसी कंपनी विशेष की शेयर, commodity या option आदि की खरीदी-बिक्री होती है। लेकिन इसके अलावा आप शेयर बाजार के मध्यम से म्यूचूअल फंड, कमाडिटी सेक्टर में गोल्ड & सिल्वर , बॉन्ड इत्यादि में इनवेस्टमेंट के साथ ट्रैडिंग भी कर सकतें हैं। म्यूचूअल फंड के जैसे ही ETF भी एक तरह का फंड ही होता है। इसको भी किसी संस्था द्वारा बनाया और चलाया जाता है, जिसका फाउन्डर और मैनेजर होतें हैं। इसके अंतर्गत जो अच्छे शेयर होतें हैं, उनका ग्रुप बनाया जाता है और इसको एक नाम दिया जाता है।
ETF का key metrics क्या-क्या होता है?
Expense Ratio in ETF
यह एक वार्षिक शुल्क है जो ETF के कुल संपत्ति मूल्य का एक प्रतिशत होता है। यह शुल्क ETF को चलाने और प्रबंधित करने के लिए लिया जाता है।
कम एक्सपेंस रेशियो वाला ETF आमतौर पर बेहतर होता है क्योंकि इससे निवेशकों को अधिक रिटर्न मिलने की संभावना होती है। इसके अंतर्गत कई प्रकार के चार्ज जुड़े होतें हैं जैसे – प्रबंधन शुल्क, Sales and marketing expenses, प्रशासनिक लागत, Registrar fees, transaction charge, संरक्षण शुल्क और audit charge इत्यादि।
What is iNav in ETF
इसका फूल फॉर्म Indicative Net Asset Value है। यह ETF का उस दिन का वास्तविक औसत मूल्य होता है। यह दिन के अंदर ही खुलासा होते रहता है, जबकि mutual fund में यह दिन के अंत में खुलासा होता है।
Assets Under Management (AUM):
यह ETF में निवेश किए गए कुल धन की राशि होती है। उच्च AUM वाला ETF आमतौर पर अधिक तरल होता है और इसमें कम ट्रैकिंग एरर होता है।मतलब हम और आप मिलकर जीतने भी etf के माध्यम से शेयर खरीदें हैं, इसे उसका कुल invested value समझ लीजिए।
Tracking Error in ETF
यह ETF के प्रदर्शन और उसके बेंचमार्क के प्रदर्शन के बीच का अंतर होता है। कम ट्रैकिंग एरर वाला ETF अपने बेंचमार्क का बेहतर अनुसरण करता है। कोई भी ETF एक इंडेक्स को फॉलो करता है, इसका मतलब अगर कोई इंडेक्स जितना का प्रॉफ़िट करे या जीतने का लॉस करे, उतना ETF में भी होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता। इसी को कितना % का अंतर है उसे tracking error के रूप में दिखाया जाता है। इस अंतर का प्रमुख कारण शेयर की खरीदी बिक्री और प्रबंधन में लगने वाले खर्च होता है।
क्योंकि हम शेयर की खरीदी बिक्री etf के माध्यम से करतें है तो उसका चार्ज तो लगेगा ही, जैसे नॉर्मल शेयर खरीदने बेचने में लगता है। Etf में भी हम शेयर ही खरीदतें हैं, लेकिन ग्रुप में खरीदतें हैं।
Volume :
यह ETF में प्रतिदिन खरीदे और बेचे जाने वाले शेयरों की संख्या होती है। उच्च वॉल्यूम वाला ETF अधिक तरल होता है और इसे आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। जैसे आप angel broking या अन्य platform में जाकर किसी भी etf की डीटेल देखेंगे तो ETF activity section में आपको आज का वॉल्यूम , आज का average traded price, 52 week का high और low price आदि देख सकतें हैं। इसके अलावा आज का open-close-lowest-highest भी देख सकतें हैं।
ETF के प्रकार (Type of ETF)
ETF विभिन्न प्रकार के होते हैं। ये ETF विभिन्न प्रकार की संपत्तियों में निवेश करतें हैं। कुछ सामान्य प्रकार के ETF निम्नलिखित हैं:
What is Index ETF
ये ETF किसी विशेष सूचकांक, जैसे कि S&P 500 या Nifty 50, का अनुसरण करतें हैं। जैसे- Bharat 22 ETF जो की ICICIB22 के नाम से है। इसका 1 साल का रिटर्न 64.08% है। इसका LTP मतलब current price 118.64 रुपये है। इसके अंदर 22 शेयर है। जिसमें सबसे ज्यादा % शेयर ITC का 15.71 % और दूसरा LT का 13.54 % है। इसके अलावा इस ETF का मार्केट मूल्य 20683.4 करोड़ रुपये है। इसका शुरुवात 2017 में किया गया था। इसका 3 मैनेजर है, जिसका नाम क्रमशः Nishit Patel, Priya Shridhar, Ajay Kumar Solanki है।
What is Sectoral ETF
ये ETF किसी विशेष सेक्टर, जैसे कि टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर या फाइनेंस, में निवेश करतें हैं। जैसे- ITBEES, PHARMABEES, PSUBNKBEES, PVTBANIETF, CPSEETF, HDFCPVTBAN, AUTOIETF, BANKBEES, HEALTHY इत्यादि।
What is Commodity ETF-
ये ETF कमोडिटीज, जैसे कि सोना,चांदी, तेल या कृषि उत्पादों में निवेश करतें हैं। जैसे – GOLDBEES, SILVERBEES, SETFGOLD, HDFCGOLD, SILVERIETF, IVZINGOLD इत्यादि।
What is SMART BETA ETF-
यह ETF किसी विशेष नियम को फॉलो करते हुए निफ्टी 50 या निफ्टी 100 में से कुछ शेयर को चयन करके बनाया जाता है, जैसे निफ्टी 50 में रैंक कर रहे शेयर में से 20 शेयर अनिवार्य, वैसे ही निफ्टी 100 में से 30 शेयर अनिवार्य रूप से शामिल किया जाता है। जैसे- LOVOLIETF, ALPL30IETF और ESG
What is Global ETF-
जैसे- हमारे देश का शेयर बाजार का मुख्य इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स है, वैसे ही अन्य देश जैसे-अमेरिका, चीन, जापान, रूस आदि का भी अलग इंडेक्स होता है, global etf के माध्यम से हमारा पैसा लगाया जाता है। जैसे- MAHKTECH, MON100, MAFANG etf आदि। लेकिन इस etf में यह पता नहीं चलता कि हमारा पैसा कौन सी देश का इंडेक्स वाला etf में लग रहा है।
What is Debt ETF-
इस ETF के अंतर्गत गिल्ट इंडेक्स, शासकीय सेक्यूरिटीस एवं बॉन्ड पर पैसा लगाया गया होता है। इसके अंतर्गत एक निश्चित समय में निश्चित आय प्राप्त होती है। जैसे- LIQUIDBEES, LTGILTBEES & EBBETF0430 । इसके अंदर में कौन-कौन से बॉन्ड आदि है, उसका नाम नहीं दिखाया जाता है।
ETF का angel one account से कुछ फोटो नीचे दिखाया गया है-



ETF में निवेश के क्या-क्या लाभ है?
ETF में पैसे निवेश करने के कई फायदे हैं, जैसे- विविधता, कम खर्च लचीलापन, इंकम टैक्स में कमी इत्यादि ।
ETF में निवेश कैसे करें?
आप अपने डीमैट खाते के माध्यम से ETF में निवेश कर सकते हैं। आप किसी भी ब्रोकर के माध्यम से डीमैट खाता खुलवा सकते हैं। एक बार जब आपका डीमैट खाता खुल जाता है, तो आप उसमें ETF खरीद सकते हैं। जैसे- angel one में अगर आपका खाता है तो आप home बटन को क्लिक करेंगे, नीचे स्क्रॉल करेंगे तो आपको ETF New ऑप्शन दिख जाएगा। जिसमें क्लिक करके आप सभी प्रकार के ETF के बारे में जानकारी निकाल लेंगे, और चाहें तो यहीं से आप जो ETF खरीदना चाहेंगे उसे अपने watch list में ऐड कर स्टॉक के जैसे ही खरीद सकतें हैं।
ETF खरीदने से पहले ETF के 1 साल या 5 साल का रिटर्न, उसका ग्राफ, ऐक्टिविटी सेक्शन में लॉग कितना उस ETF को buy/sell कर रहें हैं, 52 week का high/low, उस ETF का मैनेजर के बारे में इंटरनेट से जानकारी जरूर निकालकर पढ़ें, उसके बाद ETF लेना है कि नहीं ये निर्धारित करें।
Angel One से Demat Account खोलने के लिए इस Refferal लिंक पर क्लिक करें- https://angel-one.onelink.me/Wjgr/jd1c0oio
ETF में लगने वाले विभिन्न चार्ज का विश्लेषण
ETF यानी Exchange Traded Fund, शेयर बाजार में निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प है। लेकिन ETF में निवेश करने से पहले, आपको यह जानना जरूरी है कि इसमें क्या-क्या चार्ज लगते हैं। इस लेख में हम ETF से जुड़े विभिन्न प्रकार के चार्जों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
ETF में लगने वाले प्रमुख चार्ज
1. Expense Ratio
- यह ETF को चलाने के लिए लगने वाले कुल खर्च का प्रतिशत है।
- इसमें फंड मैनेजमेंट फीस, प्रशासनिक खर्च आदि शामिल होते हैं।
- यह राशि आपके निवेश से नियमित रूप से काटी जाती है।
2. Brokerages Charge
- जब आप ETF खरीदते या बेचते हैं, तो आपके ब्रोकरेज हाउस आपको ब्रोकरेज चार्ज लेता है।
- यह चार्ज आपके द्वारा किए गए लेनदेन के मूल्य पर आधारित होता है।
3. Stamp Duty Charge
- शेयर बाजार में किसी भी लेनदेन पर स्टांप ड्यूटी लगती है।
- ETF खरीदने या बेचने पर भी स्टांप ड्यूटी देनी होती है।
4. Annual Maintenance Charge
- आपके डीमैट खाते को बनाए रखने के लिए आपको डीमैट खाता रखरखाव शुल्क देना होता है।
- यह शुल्क आमतौर पर सालाना होता है।
5. Other Charges
- कुछ ETF में अतिरिक्त शुल्क भी लग सकते हैं, जैसे कि एक्सचेंज फीस, कस्टडी फीस आदि।
ETF में लगने वाले चार्ज को कम कैसे करें?
कम expense ratio वाला ETF खरीदें, कम brokerage लेने वाला ब्रोकर के में demat Account खोलें, ETF में लंबे समय तक निवेश करके रखें इत्यादि।
Disclaimer
यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी निवेश से पहले, आपको अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए।