वनरक्षक (Forest Guard)
छ:ग में फॉरेस्ट गार्ड को सैलरी मिलती है?
यह राज्य सरकार के कर्मचारी होतें हैं। इनका बेसिक ग्रैड पे-1900 रहता है। ग्रैड पे के हिसाब से सभी भत्ता मिलाकर आज के समय में शुरुवाती वेतन लगभग 30330-31500 रुपये मिलता है। मूलवेतन 19000 रुपये + महंगाई भत्ता (DA) 50% के हिसाब से 9500 रुपये + गृह भाड़ा भत्ता 1330+ अन्य भत्ता (TA) आदि लगभग 1000 रुपये।
नोट: ऊपरोक्त डाटा लगभग में है, सिर्फ जानकारी के लिए बताया गया है, वास्तविक जानकारी के लिए आपको विभागीय अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए।
वनरक्षक (Forest Guard) की भर्ती कैसी होती है?
वनरक्षक (Forest Guard) की भर्ती व्यापम द्वारा की जाती है। इसके अंतर्गत जितना पोस्ट खाली रहता है, उसका विज्ञापन जारी किया जाता है। पहले फिज़िकल वेरीफिकेशन/फिज़िकल टेस्ट होता है, जिसके अंतर्गत लंबी दौंड, लंबी कूद, गोला फेंक, हाइट, चेस्ट इत्यादि टेस्ट किया जाता है। जो इन परीक्षा में पास हो जाते हैं, उनको पुनः लिखित परीक्षा देने के निर्धारित तिथि में अनलाईन फॉर्म भरना होता है। लिखित परीक्षा, बोनस अंक और फिज़िकल टेस्ट के आधार पर मेरिट लिस्ट बनाई जाती है। फिर चयनित लोगों को डाक्यमेन्ट वेरीफिकेशन के लिए बुलाया जाता है।
उसके बाद उनकी पदस्थापन का आदेश जारी होता है, जहां पोस्टिंग मिलती है, वहाँ निर्धारित तिथि में अरिजनल दस्तावेजों के साथ अपनी उपस्थिति देनी होती है। उसके बाद उनका वनरक्षक (Forest Guard) में फाइनल भर्ती हो जाती है। फिर उनको इस पद का ट्रैनिंग दिया जाता है।
फॉरेस्ट गार्ड बनने के लिए फिज़िकल कितना होना चाहिए?
पुरुष उम्मीदवार की ऊंचाई कम से कम 163 cm,वहीं महिला उम्मीदवार की ऊंचाई कम से कम 150 cm होनी चाहिए। सिर्फ अनुसूचित जाति वर्ग के पुरुष एवं महिला उम्मीदवारों को इसमे कुछ छूट मिलता है, पुरुष उम्मीदवारों की ऊंचाई कम से कम 152 cm और महिलाओं की 145 cm होनी चाहिए।
सिर्फ पुरुष उम्मीदवारों का सीना नापा जाता है, कम से कम 79 cm और इसका फुलाव 5 cm होना चाहिए।
उम्मीदवारों को 200 मिटर, 800 मीटर, लंबी कूद, गोला फेंक प्रतिस्पर्धा भी पास करना होता है, सभी प्रतिस्पर्धा 25 -25 अंकों का कुल 100 अंकों का होता है।
पुरुष उम्मीदवारों के लिए-
200 मीटर और 800 मीटर दौंड में 1 प्रयास दिया जाता है, जबकि लंबी कूद एवं गोला फेंक में 3-3 प्रयास दिया जाता है।
200 मीटर दौड़ के लिए कम से कम 24.50 सेकंड का समय दिया जाता है, जिसमे 25 अंक मिलता है और अगर इससे अधिक समय लगता है तो उतने ही कम अंक मिलता है। अगर कोई 30 सेकंड से अधिक समय लगाता है तो उनको कोई अंक नहीं दिया जाता है।
800 मीटर दौड़ 2 मिनट 10 सेकंड में पूरा करने पर पूरा अंक मिलता है और अगर 3 मिनट से अधिक समय लगता है तो कोई अंक नहीं मिलता।
लंबी कूद में 5.50 मीटर से अधिक कूदने पर पूरा अंक मिलता है, वहीं 3.74 मीटर से कम कूदने पर कोई अंक नहीं मिलता।
गोला फेंक में 7.26 किलो वजनी गोल होता है, जिसे 9 मीटर से अधिक फेंकने पर पूरा अंक मिलता है, और अगर 5 मीटर से कम फेंकने पर कोई अंक नहीं मिलता।
महिला उम्मीदवारों के लिए-
200 मीटर और 800 मीटर दौंड में 1 प्रयास दिया जाता है, जबकि लंबी कूद एवं गोला फेंक में 3-3 प्रयास दिया जाता है।
200 मीटर दौड़ के लिए कम से कम 28.50 सेकंड का समय दिया जाता है, जिसमे 25 अंक मिलता है और अगर इससे अधिक समय लगता है तो उतने ही कम अंक मिलता है। अगर कोई 34.51 सेकंड से अधिक समय लगाता है तो उनको कोई अंक नहीं दिया जाता है।
800 मीटर दौड़ 3 मिनट में पूरा करने पर पूरा अंक मिलता है और अगर 4 मिनट से अधिक समय लगता है तो कोई अंक नहीं मिलता।
लंबी कूद में 4.25 मीटर से अधिक कूदने पर पूरा अंक मिलता है, वहीं 2.49 मीटर से कम कूदने पर कोई अंक नहीं मिलता।
गोला फेंक में 7.26 किलो वजनी गोल होता है, जिसे 8 मीटर से अधिक फेंकने पर पूरा अंक मिलता है, और अगर 3.99 मीटर से कम फेंकने पर कोई अंक नहीं मिलता।
फॉरेस्ट गार्ड का क्या काम रहता है?
देश या राज्य में वन का क्षेत्र बहुत है, ऐसे में इनका संरक्षण इतना आसान नहीं है, काफी चुनौती से भारी हुई है। ऐसे में शासन वन विभाग के माध्यम से वां और वन्य जीवों का संरक्षण का कार्य करती है। वनरक्षक (Forest Guard) जंगल और जंगल में रहने वाले सभी जीवों का का सुरक्षा करतें हैं। इनको भी पुलिस वालों की तरह खाखी वर्दी और बंदूक दिया जाता है, जिससे जंगल का रक्षा कर सकें। फॉरेस्ट गार्ड वन प्रशासन का सबसे निचले स्तर का कर्मचारी होतें हैं।
छत्तीसगढ़ वन विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों के बारे में नीचे बताया जा रहा है, अलग-अलग राज्यों में प्रशासनिक व्यवस्था अलग-अलग होतें हैं। छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम का स्थापना मई 2001 में हुआ था, इसका प्रमुख अधिकारी PCCF होतें हैं, जो पूरे राज्य वन विकास निगम के मुख्या होतें हैं, इनके अंदर क्रमश: 6 वन वृत्त होतें हैं ,जिसमे CCF अधिकारी होतें हैं, इनके अंदर 34 वन मण्डल है, जिनका प्रमुख DFO होतें हैं, इन वन मंडलों को 82 उप वन मंडलों में विभाजित किया गया है, जिसका प्रमुख SDFO होतें हैं, इनके अंदर कुल 320 वन परिक्षेत्र है, जिसका प्रमुख रेंजर होतें हैं।
इनके अंदर 872 सहायक वन परिक्षेत्र होतें हैं, जिनका प्रमुख डेप्यूटी रेंजर होतें हैं, सहायक वन परिक्षेत्र को आगे 3287 वन बीट या वन खण्ड में विभाजित किया गया है, प्रत्येक वन बीट में 1 फॉरेस्ट गार्ड की पोस्टिंग होती है।
इस तरह वन विभाग का पूरा सेटअप होता है, सभी का कार्य जंगल और उसमें रहने वाले जीवों का संरक्षण एवं जंगल में रहने वाले ग्रामीणों को वन विभाग के विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाना जैसे तेंदू पत्ता संग्रह या अन्य वनोपज का संग्रह के लिए ग्रामीणों को लाभ दिलाना, प्रचार-प्रसार करना होता है। फॉरेस्ट गार्ड अपने निर्धारित क्षेत्र का नियमित भ्रमण करतें हैं। अवैध पौधा कटाई, वन्य जीवों के शिकार को रोकना, शिकार करने वालों को पकड़ना, वन्य जीवों या वन्य लकड़ी का अवैध तस्करी को चेक पोस्ट के माध्यम से रोकना, उचित कार्यवाही कराना, पौध रोपण कराना।
अगर कोई जंगली जानवर बीमार हो गया हो तो उनका उचित इलाज कराना, अगर कोई जंगली जानवर गांवों में घुस जाते हैं तो उनको पकड़ना और वापस जंगल में या जू में छोड़ना, जंगल से संबंधित किसी भी प्रकार के आने वाले समस्या से बड़े अधिकारियों को तुरंत अवगत कराना इत्यादि कई कार्य होतें हैं।
छत्तीसगढ़ में वन का क्षेत्र कितना है?
छत्तीसगढ़ राज्य देश के चौथे सबसे ज्यादा वन क्षेत्रफल वाले राज्य थे, लेकिन वर्तमान में 3 नंबर पर है, जिसमे पहले नंबर पर मध्यप्रदेश और दूसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश है। राज्य के लगभग 41.13% क्षेत्र 55611 वर्ग किलोमिटर वन से घिरा हुआ है। पूरे भारत के लगभग 7.40 % वन छत्तीसगढ़ में है।
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय उद्यान 2899 वर्ग किलोमीटर और अभयारण्य अंतर्गत 3574 वर्ग किलोमिटर क्षेत्र आतें हैं, जिसमें फॉरेस्ट गार्ड का पोस्टिंग रहता है। राज्य में सबसे ज्यादा आरक्षित वर्ग के वन दँतेवाड़ा 43.13 % है, सबसे ज्यादा संरक्षित वन 40.21 % सरगुजा में है और अवर्गीकृत सबसे ज्यादा वन 16.66 % भी दँतेवाड़ा जिला में है।
इस प्रकार से छत्तीसगढ़ राज्य वन्य संपदा से परिपूर्ण है, इसलिए यहाँ फॉरेस्ट गार्ड का महत्व बढ़ जाता है।